कोरिया
जिला मुख्यालय बनाने की मांग को ले चिरमिरी में क्रमिक भूख हड़ताल जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोरिया जिले का विभाजन कर मनेंद्रगढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा के बाद पूरे जिले में विरोध के स्वर तेज हो गए है, एक ओर चिरमिरी में क्रमिक भूख हड़ताल का आज तीसरा दिन है, वहीं मुख्यमंत्री ने भरतपुर मनेन्द्रगढ़ के मध्य जिला मुख्यालय बनाए जाने के बयान के बाद केल्हारी के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों का कहना है कि केल्हारी मेें पर्याप्त जगह है यहां यदि जिलामुख्यालय बनता है तो भरतपुर सोनहत के लोगों की हर तरह की समस्या का निदान हो जाएगा।
गुरूवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला मनेन्द्रगढ़ के नाम को लेकर दो टूक कह दिया है कि जिले का नाम मनेन्द्रगढ़ ही होगा, इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा, जबकि जिला मुख्यालय भरतपुर सोनहत के मध्य होगा, उनके इस बयान से सबसे ज्यादा खुशी केल्हारी के लोगों में देखी जा रही है। वहीं मनेन्द्रगढ में बैठक करके 50-50 वाहनों में मुख्यमंत्री का आभार जताने जाने की तैयारी की जा रही है।
बताया जाता है कि इसमें चिरमिरी से 50 और मनेन्द्रगढ़ से 50 वाहन में सवार होकर काफी मात्रा में लोग मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे, वहीं मनेन्द्रगढ़ जिले के जिला मुख्यालय बनाए जाने की मांग को लेकर चिरमिरी में क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। आज भी कई लोग भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जबकि कोरिया जिला मुख्यालय के व्यापारियों ने काली पट्टी बांध कर विरोध किया है। वहीं जिले के वनांचल जनकपुर क्षेत्र के लोग भी जिला मुख्यालय की मांग कर विरोध में उतर आए है और धरने की तैयारी की जा रही है, आज धरना प्रदर्शन होना था, परन्तु बारिश के आ जाने से धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है।
कलेक्टर भेजेंगे 15 दिन में रिपोर्ट
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर नवीन जिला मनेन्द्रगढ़ के लिए कुल जनसंख्या, कुल ग्राम, कुल पटवारी हल्का,कुल राजस्व निरीक्षक मंडल, मकबूजा रकबा हेक्टेयर की जानकारी, खातेदारों की संख्या, कुल ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय, राजस्व प्रकरणों की संख्या, कोटवारों/ पटेलों की संख्या तथा संभाग/ जिला/ प्रस्तावित नवीन जिला का पृथक पृथक नक्शा एवं एक संयुक्त नक्शा, जिसमें जिलों की सीमाएं चिन्हाकित हो, साथ ही जिला कार्यालय के लिए आवश्यक सेटअप एवं उस होने वाले वेतन भत्ते तथा कार्यालय संचालन के लिए विभिन्न मदों में होने वाले आवर्ती एवं अनावर्ती व्यय की संपूर्ण जानकारी अपने अभिमत सहित प्रस्ताव 15 दिवस में भेजने को कहा है। इस पत्र से स्पष्ट है कि पूर्व में जिले के लिए किसी भी प्रकार का प्रस्ताव जिले से नहीं भेजा गया था।