कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 27 अगस्त। कोरिया जिले के विभाजन के बाद लगभग हर तहसील मेें अलग अलग मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी भरतपुर (एमसीबी) की घोषणा के बाद भरतपुर, खडगवां, बचरापोड़ी से लेकर बैकुंठपुर और चिरमिरी में धरना प्रदर्शन से कांग्रेस के राजनीतिक नफे नुकसान का आंकलन भी लोग कर रहे हंै।
सोशल मीडिया में शहरी क्षेत्र के लोग नवीन जिले को अपने हिसाब से उसके फायदे और नुकसान की बात कर रहे हैं। ज्यादातर शहरी क्षेत्र में जिले बनाए जाने का स्वागत किया गया, परन्तु अब ग्रामीण नवीन जिले को लेकर सामने आने लगे हंै।
शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज कोरिया के बैनर तले काफी संख्या में ग्रामीण खडग़वां को कोरिया में शामिल किए जाने को लेकर जिलामुख्यालय बैकुंठपुर पहुंचे। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से कलेक्टर कार्यालय पैदल मार्च कर उन्होंने ज्ञापन सौंपा।
े ज्ञापन में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरिया जिले का नाम कोडय़ागढ़ के नाम पर पड़ा है, कोडय़ागढ के अस्तित्व को बचाने के लिए खडग़वां को कोरिया में शामिल रखा जाना बेहद जरूरी हैं, इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि न लोकसभा न विधानसभा सबसे उपर है ग्राम सभा। कोरिया जिले संविधान की पांचवी अनुसूचित में शामिल है। जिसके कारण ग्राम सभा को वृहद अधिकार प्रदान किये गये हैं ऐसे में बिना ग्राम सभा के प्रस्ताव के कोरिया जिले का विभाजन नहीं किया जा सकता। यदि जबरदस्ती खडग़वां क्षेत्र को नवीन जिले में शामिल किया जाता है तो इसका पुरजोर विरोध भी किया जायेगा। अपने साथ 40 से ज्यादा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव भी उन्होंने ज्ञापन के साथ सौंपे।
ज्ञापन सौंपने के पूर्व सभी प्रेमाबाग मे एकत्रित हुए, वहां से रैली के रूप में नगर पालिका काम्पलेक्स पहुंचें जहां उनका कोरिया बचाओ मंच ने भव्य स्वागत किया। इससे पहले गुरूवार को मनेंद्रगढ़ क्षेत्र के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल के नेत्त्व में कोरिया कलेक्टर को ज्ञापन सौपा था। उन्होंने खडग़वॉ जनपद क्षेत्र. को नये जिला मनेंदगढ चिरमिरी भरतपुर में शामिल करने की मांग की थी।
क्रमिक भूख हड़ताल जारी
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में कोरिया बचाओं मंच द्वारा क्रमिक हड़ताल जारी है, जिसमें व्यापारियों के साथ जनप्रतिनिधि और आमजन अनशन में शामिल हो रहे हैं। इसमें कोरिया व्यापार संघ के साथ भाजपा, कांग्रेस, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, सर्व आदिवासी समाज, समानता क्रांति संगठन के लोग एकजुट होकर लड़ाई में अपनी भागीदारी दिखा रहे हैं। वहीं चिरमिरी में क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, यहां नवीन जिला मनेंदगढ़ चिरमिरी भरतपुर का जिलामुख्यालय चिरमिरी में बनाए जाने की मांग की जा रही है।
केल्हारी या जनकपुर में नये जिले के मुख्यालय की मांग
जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने कहा कि नये जिले बनाये जाने से जनकपुर क्षेत्र के लोगों को लाभ तभी मिल पायेगा, जब नये जिले का मुख्यालय केल्हारी या जनकपुर में स्थापित किया जाये। मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में नये जिले का मुख्यालय बनाने से जनकपुर क्षेत्र के लोगों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए क्षेत्र के लोगों को 100 से 150 किमी की दूरी तय करना पड़ेगा। भरतपुर जनपद क्षेत्र वनांचल व पिछड़ा क्षेत्र है यदि इसी क्षेत्र में जिला मुख्यालय बनाया जाता है तो इस क्षत्रे का विकास होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो भरतपुर जनपद क्षेत्र के लिए नया जिला चांगभखार के नाम से बनाया जाये जिससे कि इस क्षेत्र के लोगों को जिला का लाभ मिल सके।
राष्ट्रपति से शिकायत
एक ओर नवीन जिले के विभागजन को लेकर विरोध के स्वर तेज हो रहे है, दूसरी ओर समाजिक कार्यकर्ता अनिल शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को शिकायत भेजी है, राष्ट्रपति कार्यालय ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
श्री शर्मा ने बताया कि चूंकि कोरिया जिला पांचवी अनुसूची से आच्छादित है, इसका विस्तारण, विभाजन करने के पूर्व ग्राम पंचायत से प्रस्ताव के बाद केबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा जाना चाहिए था उसके बाद राज्यपाल द्वारा उक्त प्रस्ताव को राष्ट्रपति को भेजा जाना होगा, जिसके बाद राष्ट्रपति की अनुमति के पश्चात की इसका विभाजन हो सकेगा, ऐसा हमारे देश के संविधान में स्पष्ट उल्लेखित है, परन्तु जिले की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने 18 अगस्त को पत्र जारी कर ग्राम पंचायतों से ग्राम सभा के प्रस्ताव की मांग की गई है, जो कि एकदम न्यायसंगत नहीं है।
ऐसे में ग्राम पंचायतों पर दबाव बनाकर प्रस्ताव बनाए जाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।