कोरिया
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 31 अगस्त। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ वन मण्डल क्षेत्र से हाथियों का सात सदस्यीय दल 30 अगस्त की रात में कोरिया वन मण्डल के बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत सलबा के जंगल में पहुंच गये। फिलहाल वे सलका के कांदीवाड़ी के जंगलों में आराम कर रहे हैं, वहीं वन विभाग हाथियों पर दिन-रात नजर बनाए हुए है, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो सके।
जानकारी के अनुसार एक दिन पूर्व हाथियों का दल देवगढ़ रेंज अंतर्गत दुधनियां, बसेर, केतकीझरिया क्षेत्र में विचरण कर रहा था और इसी दिन सात सदस्यीय हाथियों का दल नगर की ओर भ्रमण करते बढ़ रहा था और रात में नगर क्षेत्र से होते हुए हाथियों का दल सलबा के जंगलों में पहुंच गया। रात में हाथी एनएच-43 पर देखे गए। बाद में जंगल में चले गए। बैकुंठपुर परिक्षेत्र और तर्रा बीट में पर्याप्त मात्रा में बांस के पेड़ हैं, यही कारण है कि प्रति वर्ष हाथियों के अलग-अलग दल जरूर इस ओर आते है, कई बार तो हाथियों के दल ने यहां शावक को जन्म भी दिया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त हाथियों के दल में दो शावक भी शामिल हंै। पिछले दिनों मनेंद्रगढ़ जनपद क्षेत्र से लगे मप्र की सीमा क्षेत्र के बिजुरी क्षेत्र में एक गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों को इसी हाथी के दल ने कुचल कर मार डाला था, जिसमें पति पत्नी के अलावा उनका पुत्र भी शामिल था। इस घटना के बाद हाथियों का दल मनेंद्रगढ़ क्षेत्र से होते हुए अमृतधारा पहुंच गया। यहां हाथियों के आगमन की जानकारी के साथ ही ग्रामीण में भय का वातावरण हो गया था। वन अधिकारियों ने यहां के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान रेस्ट हाउस में रात रूकवाया।
घर और फसल को पहुंचाया नुकसान
इससे पहले हाथियों का दल तर्रा बसेर क्षेत्र में पहुंचा था, जहां ग्राम बसेर में हाथियों के दल द्वारा दो ग्रामीणों के घर को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा क्षेत्र के कई किसानों के खेतों के खड़ी फसल को भी नुकसान पहुंचाया। तर्रा बसेर से होते हुए हाथियों का दल केतकी झरिया के जंगल में पहुंचा, जिसके बाद नगर होते हाथियों का दल सलबा के जंगल में पहुंच गया। ग्राम सलबा जिला मुख्यालय से पांच से छह किमी की दूरी पर स्थित है।
गौरतलब है कि प्रतिवर्ष ग्राम सलबा के निकट कांदावाड़ी के जंगल में हाथियों का दल पहुंचता है और इस क्षेत्र में लंबे समय तक हाथियों का दल विचरण करते हंै, जिसके चलते क्षेत्र के लोगो में हाथियों के आने से भय व्याप्त है।