कोरिया

जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने पार्षद का प्रमाण पत्र किया अमान्य
31-Aug-2021 2:42 PM
जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने पार्षद का प्रमाण पत्र किया अमान्य

फैसले पर करूंगा अपील, मेरी सुनी ही नहीं गई- अनिल प्रजापति
सोशल मीडिया में हो रही है इस्तीफे की मांग
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 31 अगस्त
। कोरिया जिले के नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ के नगर पालिका में वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद का जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय जाति सत्यापन समिति ने अमान्य कर दिया है। हलांकि अभी तक उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, वहीं सोशल मीडिया में उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।

इस संबंध में वार्ड क्रमांक 18 के पार्षद अनिल कुमार प्रजापति का कहना है, अभी तक मेरे पास जाति के अमान्य करने का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, मंै उक्त आदेश के खिलाफ उच्च कार्यालय में अपील करूंगा। जांच अधिकारी मेरी बात ही नहीं सुनना चाहते थे, मुझे एक बार ही बुलाया और फैसला दे दिया, मुझे पर्याप्त समय नहीं दिया गया। मेरी सुनी ही नहीं गई।

 उन्होंने बताया कि जब मप्र और छत्तीसगढ़ का विभाजन हुआ था, मामला केन्द्र सरकार का था, मेरे पिता का समन्वय के तहत स्थानांतरण हुआ था, मामला कोर्ट गया, वर्ष 2002 से कोर्ट से स्टे मिला हुआ था। वहीं राज्य बनने के बाद मेरे पिताजी ने केन्द्र सरकार से कहा कि उन्हें छत्तीसगढ़ में ही रहने दिया जाए। केन्द्र सरकार ने 2004 में मेेरे पिताजी को छत्तीसगढ़ एलॉट कर दिया। राज्य सरकार के 1996, 2004, 2007, 2013 के प्रपत्र में उल्लेख किया है कि यदि किसी बाध्यता के तहत मप्र या छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हो गए हंै तो आपको उस जाति का लाभ मिलेगा, पर अधिकारी इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं थे और एकतरफा फैसला सुना दिया। मंै अभी इस्तीफा नहीं दे सकता, क्योंकि अभी तक मुझे कागज ही नहीं मिला है।

जानकारी के अनुसार नगरीय निकाय चुनाव 2019 में अनिल कुमार प्रजापति चुनाव जीतकर पार्षद बन गये, लेकिन उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर आपत्ति 7 दिसंबर 2019 दर्ज की गयी थी। तब उक्त पार्षद के जाति प्रमाण पत्र की वैधता की जांच के दौरान निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और प्रमाण पत्र की वैधता को लेकर आपत्ति को खारिज कर दी गयी। जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा के उसी अधिकारी ने अनुविभागीय अधिकारी के पद से ठीक 25 दिन पहले अनिल कुमार प्रजापति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया था। इसके बाद मामला 7 जनवरी 2020 को कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया, लेकिन कार्यालय ने पत्र को ही गुमा दिया। इसके बाद 11 जून को यह मामला पुन: नव पदस्थ कलेक्टर के संज्ञान में लाया गया। मामले में संज्ञान लेते हुए 17 अगस्त को अपर कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने आपत्तिकर्ता को भी अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया। बैठक में तर्क वितर्क के बाद उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर 27 अगस्त को वार्ड 18 के पार्षद अनिल कुमार प्रजापति का जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय सत्यापन समिति द्वारा अमान्य कर दिया गया।  
सुसंगत अभिलेख नहीं होने से जाति प्रमाण पत्र निरस्त

इस मामले में जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के अध्यक्ष ने पार्षद अनिल कुमार प्रजापति के जाति प्रमाण पत्र की जांच उपरांत अमान्य कर दिया गया। जानकारी के अनुसार पार्षद अनिल कुमार प्रजापति पिता रामकरण प्रजापति मनेंद्रगढ़ का जाति सत्यापन जिला स्तरीय समिति के समक्ष आया। जिस पर 17 अगस्त को जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति की बैठक में अनिल कुमार के अभिलेखों का परीक्षण किया गया। संलग्न अभिलेख के आधार पर 26 दिसंबर 1984 के पूर्व का न तो मिसल अभिलेख है और न ही  पिता का अनैच्छिक प्रयोजन संबंधी कोई प्रमाण है। वहीं प्रस्तुत दाखिल खारिज पंजी की छायाप्रति से भी 1984 के पूर्व का प्रमाण सिद्ध नहीं हुआ जिसके बाद अनिल कुमार प्रजापति का जाति प्रमाण पत्र को अमान्य कर दिया गया।
सोशल मीडिया में इस्तीफे की मांग

पार्षद के जाति प्रमाण पत्र के अमान्य होने की जानकारी सोशल मीडिया पर तैर रही है। मनेन्द्रगढ़ विधायक के साथ फोटो पोस्ट कर बताया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश त्रिपाठी लिखते हैं कि वार्ड 18 के पार्षद विधायक प्रतिनिधि भी है और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष सहित कई पदों पर पदस्थ है। राजनैतिक तौर पर मनेन्द्रगढ़ विधायक के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जाति प्रमाण पत्र की अर्हता को लेकर जो चीजें हमारे जैसे आम आदमी ने पकड़ ली, तो एक अफसर के संज्ञान में यह क्यों नहीं आया। आखिर उन्हें इतनी सहूलियत क्यों दी गई। अमित वर्मा लिखते हैं कि जाति प्रमाण पत्र के अमान्य होने के बाद आप इस्तीफा कब देंगे?
 

 

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