कोरिया
खाद्य विभाग की छापेमारी से जांच में आया था मामला सामने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 5 अक्टूबर। सोनहत के स्वास्थ्य विभाग की तीन एम्बुलेंस खराब होने के बाद बीएमओ सोनहत द्वारा शिकायत की गई, खाद्य विभाग ने सोनहत स्थित पेट्रोल पंप पर छापा मारकर जांच किया और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा, खाद्य विभाग की जांच में डीजल में पानी मिलावट पाया गया। इसके साथ ही अब जिले भर में संचालित पेट्रोल पंप भी संदेह के घेरे में आ गये हंै। जिसमें पानी मिलाकर डीजल बेचे जाने की बात सामने आई, परन्तु अब मामले में कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले में पहली बार सोनहत स्थित पेट्रोल पंप पर छापामार कर बड़ी कार्रवाई की गई थी। उक्त कार्रवाई के बाद मामले को लेकर बड़ी राजनीति हुई, सोशल मीडिया में पेट्रोल पंप के तेल की भरपूर तारिफ के कसीदे पढ़े गए। चंूकि पेट्रोल पंप एक कांग्रेसी का है, इसलिए अधिकारियों पर कार्रवाई न हो, इसका भरपूर दबाव बनाया गया और कामयाब भी हो गए। एक महिना बीत चुका है अभी तक पेट्रोल पंप पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है।
उक्त जांच प्रतिवेदन को लेकर कार्रवाई की मांग केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से की गई है, साथ ही मामले की जानकारी पीएमओ भी भेजी गई है।
इधर, जिले भर में संचालित सभी पेट्रोल पंपों की समय-समय पर जांच पड़ताल करने की मांग उठ रही है, ताकि उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त डीजल पेट्रोल मिल सके और उनके वाहन सुरक्षित रहे। अब तक यह होता आ रहा था कि जिम्मेदार विभाग के अधिकारी कभी भी बिना शिकायत के स्वमेव पेट्रोल पंपों में डीजल पेट्रोल के गुणवत्ता की जांच करने के लिए नहीं पहुंचते थे। इस घटना के बाद लोगों को भी समझ आ गया कि पेट्रोल पंप संचालक किस तरह से मिलावट कर पेट्रोल डीजल विक्रय कर रहे हैं। जबकि संचालक गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं करने का दावा करते है लेकिन जांच में सभी दावे फेल हो गये।
गुणवत्ता की नहीं होती कभी जांच
जिले में संचालित पेट्रोल पंपों में डीजल व पेट्रोल की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर नहीं की जाती है जिसके कारण ही पेट्रोल पंपों की मनमानी चल रही है। संबंधित जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही समय-समय पर पेट्रोल पंपों की जांच नहीं होती। अब इस तरह का मामला उजागर होने के बाद यह जरूरी हो गया कि समय समय पर जिले में संचालित विभिन्न पेट्रोल पंपों के डीजल पेट्रोल की गुणवत्ता की जांच आवश्यक रूप से की जानी चाहिए।
माप में गड़बड़ी की हमेशा से शिकायत
जिले के कई स्थानों पर संचालित पेट्रोल पंपों में कई लोगों की आये दिन शिकायत रहती है कि फलां पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरवाने के बाद माप में कम दिया गया। लोगों द्वारा अपनी गाड़ी चलाने के एवरेज के हिसाब से इस बात का अंदाजा लगाने के बाद शिकायत रहती हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पेट्रोल पंप में जब कोई उपभोक्ता पेट्रोल भरवाने जाते हैं, तब तय राशि का पेट्रोल भरने के दौरान कर्मियों द्वारा तकनीकी उपयोग कर कम पेट्रल भर दिया जाता है, जब मीटर में जितनी राशि की पेट्रोल मांगी जाती है उतनी राशि अंकित दिखाई देता है लेकिन गाड़ी के टंकी में पेट्रोल कम जाता है।
तकनीकी गड़बड़ी कर पेट्रोल पंप कर्मियों द्वारा रोज दिन इस तरह का कारनामा किया जाता है। इस तरह से उपभोक्ता को पूरी राशि का पेट्रोल नहीं मिल पाता और हमेशा ही लोगों की शिकायत रहती है कि कम पेट्रोल प्रदान किया गया।
कई बार कुछ पेट्रोल पंपों में वाहनों की लाईन लगी रहती है, तब कर्मियों द्वारा मीटर को 0 नहीं किया जाता और अगले उपभोक्ता के गाड़ी में पेट्रोल भर देते है, इस दौरान भी पेट्रोल की चोरी कर ली जाती है।
पेट्रोल पंपों में आवश्यक सुविधाओं का अभाव
जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर सहित जिले भर में संचालित कई पेट्रोल पंप में शासन द्वारा निर्देशित सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है, इसके बावजूद पेट्रोल पंप संचालक पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती। जानकारी के अनुसार पेट्रोल पंप में वाहनों में हवा भरने, पीने के लिए शुद्ध पेयजल, टायलेट आदि की सुविधा उपभोक्ताओं के लि नि:शुल्क उपलब्ध होना चाहिए लेकिन ज्यादातर पेट्रोल पंपों में उक्त सभी सुविधाओं का अभाव ही देखा जाता है।
कुछ पेट्रोल पंप संचालक द्वारा नि:शुल्क हवा की सुविधा दी गयी है, लेकिन पेयजल की नहीं, कहीं पेयजल की सुविधा है तो नि:शुल्क हवा भरने की सुविधा नहीं। यदि कहीं पर दोनों व्यवस्था है तो नि:शुल्क टायलेट की सुविधा नहीं हैं। इस तरह खामियों के बीच लगातार पेट्रोल पंप संचालित हो रहे है, इसके बावजूद उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।