कोरिया
न्यायालय के आदेश पर पीडब्ल्यूडी का बैंक खाता सीज हाउस
ठेकेदारों के माथे पर खिंच गई चिंता की लकीरें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेंद्रगढ़, 27 अक्टूबर। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण 38 लाख की जगह पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए की भूमि अधिग्रहण की क्षतिपूर्ति राशि देने का मामला प्रकाश में आया है। इससे शासन को 1 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचा है। इस मामले में प्रथम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश मनेंद्रगढ़ मानवेंद्र सिंह की अदालत ने कठोर कदम उठाते हुए लोक निर्माण विभाग के भारतीय स्टेट बैंक में स्थित खाते को सीज कर दिया है। कोर्ट ने मंगलवार को बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर खाते की राशि की जानकारी भी मांगी है।
बताया जाता है कि खेडिया टॉकीज के पास रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के लिए स्थानीय अधिवक्ता रमेश चंद्र सिंह की खसरा क्रमांक 341/1 में से 0.154 प्रतिशत जमीन लोक निर्माण विभाग ने अधिग्रहित की थी। इसके मुआवजे पर 12 अप्रैल 2005 को अपर जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाया था। फैसले में 38 लाख 78 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति राशि जमा करने का आदेश लोक निर्माण विभाग को दिया गया था लेकिन क्षतिपूर्ति प्रदान न कर लोक निर्माण विभाग ने अपर जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने भू-स्वामी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 1 जुलाई 2019 को निर्णय पारित किया और इसके 50 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से ब्याज सहित क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया।
जैसे ही कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के एसबीआई खाते सीज कर भुगतान पर रोक लगा दिया। त्यौहार से पूर्व खाते में लगी रोक पर स्थानीय व जिले के ठेकेदार काफी परेशान बताए जाते हैं। जिले के कई क्षेत्रों में इन दिनों लगातार सिविल निर्माण कार्य चल रहे हैं। वेतन भुगतान को लेकर कई बिल कार्यालय में लगे हुए हैं। त्योहारी सीजन को देखते हुए लोक निर्माण विभाग कार्यालय के आसपास ठेकेदारों का जमावड़ा लगा रहता है।