कोरिया

पर्यटन मंडल का मोटेल खंडहर में तब्दील
06-Nov-2021 6:59 PM
पर्यटन मंडल का मोटेल खंडहर में तब्दील

खिड़कियां, दरवाजे हुआ कबाड़, चारों ओर घास-फूस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया)  6 नवंबर।
कोरिया जिले में स्थित पर्यटन मंडल का मोटेल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। शुभारंभ के 14 साल में विभाग ने इसकी सुध नहीं ली, जिसके कारण इसके दरवाजे, खिडकी, बिजली वायरिंग सहित अन्य सामग्री टूट गई है तो कमरों में गंदगी पसरी हुई है। मोटेल के चारों ओर बड़े बड़े घास उग आई है तो लोहे के सामनों में जंग लग चुकी है।

वहीं इस संबंध में संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव का कहना है कि मोटेल को मंैने देखा है, इसका उपयोग नहीं होने के कारण इसकी ये स्थिति हुई है, जिला प्रशासन इस पर निर्णय लेकर इसका उपयोग सुनिश्चित करें ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक यहां रूक सकें। वहीं भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जवाहर गुप्ता का कहना है कि इसका शुभारंभ तत्कालीन पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के हाथों हुआ था, मैं स्वयं उस समय उपस्थित था, इस मोटेल को निजी हाथों में सौंपा जाना चाहिए, ताकि इसका संचालन बेहतर हो सके और लोगों का इसका लाभ मिल सके।

जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के जनपद बैकुंठपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरगुड़ा के एनएच 43 पर पर्यटन विभाग को मोटेल है। वर्ष 2007 में तत्कालीन पर्यटन मंत्री व गृह मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसका शुभारंभ किया था, उस समय भाजपा नेता अनिल सिंह मेजर, पूर्व भाजपा अध्यक्ष स्व तीरथ गुप्ता व जवाहर गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे। अपने दौरे में मंत्री श्री अग्रवाल ने कोरिया वनमंडल के द्वारा बैकुंठपुर में निर्मित आस्था भवन का लोकार्पण भी किया था। मोटेल के शुभारंभ के बाद कुछ वर्षो तक शादी विवाह के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा, काफी महंगा होने के कारण एक्का दुक्का लोग ही इसे किराए पर ले पाए, उसके बाद वर्षो से मोटेल अब सूनसान पड़ा हुआ है।

लगभग 1 करोड़ की राशि से निर्मित मोटेल को काफी आकर्षक बनाया गया था, कई हाल के साथ कमरे, प्लाईवुड का काम के साथ कमरों में फाल्स शिलिंग की गई थी, मोटेल में इंक्वारी काउंटर, कीचन के साथ काफी सर्व सुविधायुक्त बनाया गया था, परन्तु अब सिर्फ दीवारें बची है, खिडकियां टूट चुकी है, दरवाजों और प्लाईवुड के काम को दीमक खा रही है। वहीं लगभग 1 एकड़ में फैले मोटेल के चारों ओर बडी बडी झाडिय़ां उग आई है। चारो ंओर उंची बाउड्रीवाल के साथ गेट पर ताला लगा होने के कारण मवेशी नहीं घुस रहे है जिसके चलते घास काफी बड़े-बडे हो चुके हैैं। पूर्व में यह स्थल मवेशियों का डेरा हो गया था।

पर्यटकों को मिल सकता लाभ
जिस तरह करोड़ों की लागत से बना मोटेल अब खंडहर होने की कगार पर है जिला प्रशासन को इसकी सुध लेने आगे आना चाहिए, जिला प्रशासन यदि इस मोटेल को निविदा निकालकर निजी हाथों को सौंप देता है तो निश्चित कोरिया जिले में आने वाले पर्यटकों को इसका लाभ मिल सकता है, क्योंकि गुरू घासीदास नेशनल पार्क अब टाईगर रिजर्व घोषित हो चुका है, जबकि कोरिया जिले के गौरघाट अमृतधारा को देखने काफी संख्या में पर्यटक बाहर से कोरिया पहुंचते हंै। एनएच 43 पर स्थित होने के कारण पर्यटकों को पहुंचने में काफी आसानी हो सकती है।
 

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