कोरिया
छठ घाट की साज सज्जा ने लोगों का मोहा मन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 10 नवंबर। सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पुत्र की सलामती तथा परिवार की सुख समृद्धिके लिए सूर्य उपासना का पर्व छठ उल्लास एवं भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। बुधवार शाम को व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया।
सूर्यषष्ठी के महापर्व की शुरूआत नहाय खाय से 8 नवंबर से हुई। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व मनाने व्रती महिलाएं जुट गई। दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनाने के बार मीठा भात खाकर निर्जला व्रत की शुरूआत की और अगले दिन 10 नवम्बर को छठ व्रती महिलाओं द्वारा सूप दौरा आदि में विभिन्न तरह के पूजन सामग्री व प्रसाद भरकर छठ घाट में अपरान्ह के समय समूह में निकलना शुरू कर दिये और छठ घाट पहुंच कर घाट के पानी में उतरकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करने के उपरांत डूबते सूर्य को पहला अघ्र्य दिया गया।
इस अवसर पर छठ घाट पर छठी मईया के गीत गुंजते रहे और श्रद्धालुओं की भीड बनी रही। बैकुण्ठपुर के राम मंदिर तालाब, गढ़ेेलपारा के गेज नदी स्थित छठ घाट के अलावा विभिन्न जगहों के छग घाटों में डूबते सूर्य को पहला अघ्र्य देने के लिए छठ व्रतियों की भीड़ के बीच छठ घाटों में छठी मईया के गीत गूंजते रहे।
इस दिन छठ घाट में जाने के लिए छठ व्रती महिलाएं सूप दौरे में प्रसाद व पूजन सामग्री सजाकर रखे और अपने सिर में ढोकर तथा कुछ महिलाओं के परिजन प्रसाद के सूप दौरे केा ढोकर छठ घाट तक समूह में पहुंचे। कुछ समूह बाजों के साथ थी छठ घाट पहुंचे। सभी ओर से अपरान्ह के समय छठ व्रती महिलाएं घाट अपने अपने क्षेत्र के छठ घाट पहुंचना शुरू कर दिये और घाट में पहुंच कर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किये इसके पश्चात डूबते सूर्य को पहला अघ्र्य दिया। इसके बाद शहर व आस पास क्षेत्र के सभी छठ घाट से पहला अघ्र्य देने के बाद छठ व्रति अपने अपने घर लौट आये। दूसरे दिन 11 नवंबर को तडके फिर छठ व्रती महिलाएं घाट पर पहुंच कर उगते सूर्य को दूसरा अघ्र्य देंगी और प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करेंगी। इसके साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व समाप्त हो जायेगा।
गन्ने व अन्य प्रसाद की जमकर रही मांग
छठ पर्व में विभिन्न तरह के कच्चे फलों का प्रसाद चढ़ाया जाता है। पर्व के अवसर पर इसकी मांग बढ़ गयी। बाजार में कई तरह के कच्चे फल प्रसाद के लिए खरीदी की जाती रही।
छठ पर्व को लेकर पूजन सामग्री का बाजार सजा रहा। विभिन्न तरह के कच्चे फलों की खरीदी लोग करते रहे। इस अवसर पर गन्ने की विशेष रूप से मांग रहती है जिसके चलते बाजार में गन्ने के व्यापारी भी विभिन्न क्षेत्रो से गन्ने लेकर पहुंचे, जिसकी दिन भर खरीदी होती रही। इस अवसर पर व्यापारियों द्वारा लाये गये गन्ने हाथों हाथ बिक गये। यही वह अवसर रहता है जब गन्नें खूब बिकते हैं।
छठ पर्व को लेकर सजाये गये छठ घाट
दिनों दिन सूर्य उपासना का पर्व छठ मनाने वालो की संख्या शहर में बढ़ती जा रही है। इस पर्व के अवसर पर छठ घाट स्थल पर आवश्यक साफ सफाई कर पूरी तरह से सजा दिया जाता है। शहर के गढ़ेलपारा के गेज नदी स्थित छठ घाट के अलावा राम मंदिर तालाब छठ घाट पर छठ व्रतियों के लिए सभी तरह की आवश्यक व्यवस्था की गयी थी। पंडालों के साथ छठ घाट को आकर्षक लाइटिंग से सजा दिया गया था। जिससे छठ घाट का नजारा देखते ही बन रहा था। शहर के शहर के अलावा जिले के कई क्षेत्रों में छठ घाट को आकर्षक तरीके से सजाया गया था जहां पर भक्तिभाव के साथ छठ पूजा संपन्न किया गया। पूजन कार्य संपन्न कराने में कई श्रद्धालुओं का विश्ेाष योगदान रहा। इस अवसर पर कई श्रद्धालुओं द्वारा अंतिम दिन सुबह के समय श्रद्धालुओं के लिए चाय की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है।