कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 16 नवम्बर। कोरिया जिले के भरतपुर जनपद क्षेत्र में लंबे समय से रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। रेत के अवैध कारोबारी बड़े बड़े हाईवा में 8 टन की बजाय 12 टन उपर तक भर कर उप्र-मप्र ले जा रहे हैं, जिससे कोटाडोल की सडक़ें जर्जर हो चली है। वहीं अवैध रेत के कारोबार के खिलाफ जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह ने मोर्चा खोल रखा है, अब वे इस अवैध कारोबार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे है।
इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह का कहना है कि बीते 3 वर्षों में इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यहीं अवैध रेत उत्खनन का काला कारोबार है। नदी के अंदर बड़ी बड़ी मशीने लगाकर रेत निकाली जा रही है, नदी के सूखने की पूरे आसार है, पर्यावरण का नुकसान तो ही रहा है, आम लोगों के लिए रेत नहीं अब सोना होते जा रहा है, सरकार जानबूझकर इस धंधे को बंद नहीं कराना चाहती है।
क्षेत्र में बढ़ते रेत के अवैध कारोबार को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में भी रोष व्याप्त है और वे सख्त कार्रवाई चाहते हंै। इसी बीच जिला पंचायत सदस्य दृगपाल सिंह अवैध रेत खनन क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की और अवैध रेत उत्खनन कार्य को रोकने की दिशा में प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध होकर आंदोलन करन की बात कह रहे हैै।
8 की जगह 12 टन, सडक़ंे हो रही खराब
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के भरतपुर जनपद अंतर्गत कोटाडोल क्षेत्र में जहां प्रतिदिन मशीनों से क्षेत्र की नदियों से अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है और परिवहन किया जा रहा है। क्षेत्र से निकाली गयी रेत का परिवहन उप्र, मप्र के विभिन्न स्थानों तक परिवहन किया जा रहा है। सूत्र बताते हंै कि क्षेत्र से प्रतिदिन दो तीन दर्जन हाईवा वाहन में रेत भरकर मप्र उप्र की ओर ले जाया जाता है।
सूत्रों से यह भी बताया कि हाईवा में जहां 8 टन ही रेत भरे जाने चाहिए लेकिन नियम विरूद्ध 12-12 टन रेत भरकर परिवहन किया जा रहा है। जिस कारण सडक़े खराब हो रही है। अच्छी सडक़ पर जगह जगह गड्ढे बन गये है। इसी तरह का हाल रहा तो जल्द ही क्षेत्र की अच्छी सडक जगह जगह गड्ढों में तब्दील हो जायेगी जिससे कि क्षेत्र के लोगो को आवागमन में भारी परेशानी होगी।
आंदोलन के बाद भी नहीं रूक रहा अवैध उत्खनन
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के भरतपुर जनपद क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर नदियों से अवैध तरीके से रेत उत्खनन व परिवहन को रोकने के लिए पूर्व में क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई दिनों तक आंदोलन भी किये जिनमें महिलाएं भी विरोध में उतरी इसके बावजूद क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन व परिवहन को रोकने की दिशा में ठोस कार्यवाही नहीं की गयी।