कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 1 फरवरी। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दीप्ति लकड़ा की अदालत ने डॉ. मंजुलिका करन को धारा 304(ए) के तहत् 1 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया है।
न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार मनेंद्रगढ़ निवासी सुजीत कुमार के द्वारा पुलिस में मर्ग इंटीमेशन कराया गया कि पत्नी ज्योतिर्मयी सिंह का प्रसव कराने 2 जुलाई 2017 को डॉ. करन निर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। प्रसव होने के पश्चात समुचित इलाज नहीं किया गया। सात जुलाई 2017 की सुबह 5 बजे ज्योतिर्मयी को सांस लेने में तकलीफ हुई और लगातार हालत खराब होने के बाद भी ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं की गई। इसके बाद डॉ. करन नर्सिंग होम से डॉ. तिवारी के क्लीनिक ले जाया गया, जहां ज्योतिर्मयी की मृत्यु हो गई।
डॉक्टर टीम से पीएम कराने एवं मुख्य चिकित्साधिकारी से प्राप्त जांच रिपोर्ट के उपरांत आरोपिया महिला डॉ. मंजुलिका करन के विरूद्ध अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपिया के विरूद्ध अपराध सबूत पाए जाने पर गिरफ्तार कर जमानत मुचलका पर छोड़ा गया।
मामले में विवेचना कार्रवाई पूर्ण होने के बाद आरोपी डॉक्टर के विरूद्ध अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां साढ़े 4 साल पुराने मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ने महिला डॉक्टर के खिलाफ आरोप दोषसिद्ध पाए जाने पर अपना फैसला सुनाया।
ज्ञात हो कि उक्त महिला डॉक्टर की लापरवाही से 8 साल पहले दिसंबर 2013 में प्रसूता की मौत के एक अन्य केस में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी साक्षी दीक्षित की अदालत द्वारा 3 माह की सजा सुनाई गई थी।