कोरिया
पार्क में पहली बार लाए गए बड़ी संख्या में चीतल
चंद्रकांत पारगीर
बैकुंठपुर (कोरिया) 12 मार्च (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता )। टाइगर रिजर्व घोषित करने के पूर्व वन्य जीवों को कोरिया जिले में स्थित गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में लाने का सिलसिला जारी है। कल दोपहर पार्क में 70 चीतल पहुंच गए।
जैसे ही पार्क में स्थित चीतल बाड़े में उन्हें उतारा गया, सभी फर्राटे भरते उछाल मारते हुए एक-एक कर तेज गति से उतरे। मौके पर पार्क के डायरेक्टर श्री रामाकृष्णन, एसडीओ अनिल सिंह सहित रेंजर महेश टुंडे के साथ चीतल के साथ रायपुर से आए वन्य जीवों के चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। अब पार्क में चीतलों की संख्या बढक़र 100 हो चुकी है, वहीं बाघों की संख्या में 4 से बढक़र 6 हो चुकी है।
इस संबंध में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ अनिल सिंह ने बताया कि टाईगर रिजर्व घोषित होने के पूर्व वन्य जीवों को यहां लाया जा रहा है, शिफ्टिंग के दौरान रास्ते में एक वाहन पलटा था, जिसमें किसी भी चीतल को चोटें नहीं आई थी, एक चीतल बाद में वाहन में उछलकूद करने के बाद थोड़ा घायल हुआ है, उसका पहले तरफ का एक पैर फ्रैक्चर हुआ है, चिकित्सक उस पर नजर बनाए हुए है। बाघों की संख्या बढक़र 6 हो चुकी है। पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार पार्क को लेकर खासी दिलचस्पी दिखा रही है।
कोरिया जिले में स्थित देश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा नेशनल पार्क गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान जिसे एनटीसीए ने टाईगर रिजर्व के लिए हरी झंडी दे रखी है, अब पार्क में चीतलों को लाने का सिलसिला जारी है। इससे पूर्व 30 चीतल लाए गए थे, कल 70 चीतल लाए गए हंै।
रायपुर के नंदनवन से लाते समय बीच रास्ते में चीतलों से भरा वाहन पलट गया था, बाद में सभी चीतल बैकुंठपुर पहुंचे। सीएफ केनी मेचियों के निर्देश पर वन्य जीवों के शिफ्टिंग का काम बड़ी तेज गति से जारी है, पार्क के संचालक श्री रामाकृष्णन के साथ सोनहत रेंजर महेश टंडे चीतलों से भरे वाहनों को लेकर मास्टर टॉवर स्थित चीतल बाड़ा पहुंचे, जहां वाहनों को मिट्टी के रैंप बनाकर खड़ा किया गया, जैसे ही वाहनों के दरवाजे खोले गए, एक एक करके सभी चीतल फर्राटे भरते हुए चीतल बाड़े में कूद कर अंदर पहुंच गए, वहीं एक चीतल का पैर फै्रक्चर पाया गया है, जिसका इलाज जारी है। वहीं चीतलों की संख्या में बढऩे से टाइगर की संख्या में भी वृद्धि होने की संभावना बढ़ गई है, अब तक पार्क में 6 टाइगर मौजूद है।
4 से बढक़र 6 हुए बाघ
ऐसे तो मप्र के संजय पार्क लगे होने के कारण बाघों की आवाजाही होती रहती थी, वर्ष 2018 के बाद यहां बाघों ने अपना निवास बना लिया, एक मादा बाघ ने शावक को जन्म भी दिया, और 2021 तक यहां 4 बाघ थे, वहीं 2 बाघों का यहां इजाफा हुआ है, संख्या बढक़र 6 हो चुकी हैं। पार्क प्रबंधन हर दिन बाघों की आवाजाही पर नजर रखे हुए है, साथ ही अन्य वन्य जीवों पर भी प्रतिदिन के आंकड़े जुटा कर उनके संरक्षण और संवर्धन की कोशिश की जा रही है।
15 दिन में लाए जाएंगेे गौर
टाइगर रिजर्व को लेकर सरकार की तैयारियां जारी है, चीतल के बाद पार्क में गौर लाने को लेकर पार्क प्रबंधन जुटा हुआ है। पूर्व में लकड़ी का बाड़ा बनाया गया था, अब नए सिरे से लोहे का बाड़ा तैयार किया जा रहा है, एसडीओ अनिल सिंह की माने तो आने वाले 15 दिनों में गौर को यहां लाया जाएगा। इससे पहले यहां एक दो गौर देखे गए हंै। बताया जाता है, पार्क से संजय नेशनल पार्क से भटक कर कई बाद गौर को देखा गया है, उनके पद चिन्ह भी रिकार्ड किए गए हंै। अब गौर के आने के बाद पर्यटन की दृष्टि से पार्क का महत्व बढऩे के पूरे आसार नजर आने लगे हंै।