कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 12 मार्च। कोरिया जिले के एक गांव में सप्ताह भर पहले ही होली मना ली गयी। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम अमरपुर है। किसी अनहोनी घटनाओं से बचने के लिए वर्षों पूर्व से पूर्वजों के समय से होली सहित सभी तरह के पर्व लगभग एक सप्ताह पूर्व मनाये जाने के निर्देश गांव के बैगा ने तब दिये थे जिसके पालन में आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी ग्राम अमरपुर के लोग सभी पर्व एक सप्ताह पूर्व ही मनाते आ रहे हैं।
अमरपुर में 12 मार्च को गांव वालों ने उल्लास उत्साहक साथ होली का पर्व मनाया। सुबह होने के साथ ही जगह जगह फाग गीतों के साथ रंग अबीर उडऩे लगे थे।
ग्राम अमरपुर में 12 मार्च को उल्लास के साथ ग्रामीणों ने होली मना ली। जबकि आगामी 18 मार्च को पूरे देश में होली का पर्व मनाया जायेगा। कोरिया जिले में यह अनोखा गांव है जहां सभी तरह के पर्व एक सप्ताह पूर्व मना लिया जाता है। उल्लेखनीय है कि होली का पर्व आने में अभी कुछ दिनों का समय है। आगामी 17 मार्च की शाम को होलिका दहन किया जायेगा और उसके दूसरे दिन होली का रंग उड़ेगा।
विपदा से बचने आजादी के पूर्व शुरू हुई थी परंपरा
कोरिया जिले के जिस गांव में सभी पर्व एक सप्ताह पूर्व मनाये जाने की परंपरा अब बन चुकी है उस गांव का नाम अमरपुर है। बताया जाता है कि आजादी के पूर्व अमरपुर गांव के लोग खुशहाल नही रहते थे, लेकिन बीच में एक दौर ऐसा आया कि उस वर्ष गांव के कइ लोग विभिन्न तरह की बीमारियों की चपेट में आने लगे। गांव में हैजा का प्रकाप बढ़ गया जिससे कि कई परिवार में मौते होने लगी साथ ही उनके पशुधन की भी मौत होनी शुरू हो गयी।
अचानक आये विपदा से परेशान लोगों ने गांव के बैगा से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि गांव में बुरी आत्मा का प्रकोप है, इसके लिए पूजा पाठ कराये गये और बैगा के निर्णय के अनुसार गांव के लोगों केा सलाह दी गयी कि सभी त्यौहार समय से एक सप्ताह पूर्व बना ले तभी विपदा दूर होगी। तब यह परंपरा की शुरूआत हुई और आज कई पीढ़ी बाद भी उसी परंपरा का ग्रामीण निर्वहन करते आये है। आज भी भी गॉव में उसी परंपरा का निर्वहन ग्रामीण करते आ रहे है।
शिक्षित परिवार भी मानते हैं परंपरा को
जब अमरपुर में विपदा आई थी वह वर्षों पूर्व की बात थी, तब शिक्षा का प्रसार नही था लेकिन समय के साथ लोग शिक्षित होने लगे। आज के दौर में गांव के कई परिवार शिक्षित हो गये है और सरकारी सेवाओं में भी है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षित परिवार होने के बाद भी अपने पुरखों की इस परंपरा को आज भी निर्वहन करते आ रहे है। इस पर कोई तर्क वितर्क नही करता बल्कि सभी एकजुट होकर सभी पर्व समय से पूर्व मनाते आ रहे हैं। सभी कोई गांव की खुशहाली चाहते है। वही अब नई पीढ़ी को सिर्फ अपने बुजुर्गों से सुनी बात का निर्वहन कर रहे है।
जिले के दो अन्य गांवों में भी ऐसी परंपरा
कोरिया जिले के अमरपुर की तरह ही जिले के दो अन्य गॉवों में भी समय से पूर्व कोई भी पर्व मनाये जाने की परंपरा आज भी कायम है। जानकारी के अनुसार जिले के सोनहत जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम बसवाही व तंजरा में भी गांव में किसी अनहोनी घटना को लेकर वर्षो पूर्व समय से पूर्व किसी भी पर्व को मनाये जाने की शुरूआत हुई थी जिसका निर्वहन ग्रामीणों द्वारा आज भी किया जा रहा है। उक्त दोनों गांवों में भी समय से पूर्व होली सहित अन्य तरह के पर्व मनाये जाते हैं।