कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 12 मार्च। 4 राज्यों में मिली भाजपा को जीत के बाद कोरिया भाजपा ने जश्न मनाया, वहीं कांग्रेस मे सन्नाटा पसरा रहा, तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी भरतपुर में जमकर थिरके, रंग गुलाल लगाया एक दूसरे को बधाईयां दी। दूसरी ओर प्रमुख विपक्ष की रूप में भाजपा की भूमिका काफी सुस्त रही है। सवाल यह उठ रहा है कि संभाग प्रभारी नवीन नीतिन की क्लास के बाद भाजपा बदल पाएगी। दूसरी ओर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी भी बचे एक वर्ष में जनता के बीच जाने की तैयारी में है।
2023 में होने वाले विधानसभा के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है, कांग्रेस के पास काम करके दिखाने के लिए मात्र 1 वर्ष बचा है, मार्च 2023 के बाद टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो चुकी होगी। कांग्रेस अब अपने को दुबारा जनता की पसंद बनाने ऐड़ी चोटी का जोर लगाएगी, बताया जा रहा है कि होली के बाद भाजपा की पूर्व सरकार की तर्ज पर कांग्रेस सरकार भी रणनीति के तहत हर विधानसभा में मुख्यमंत्री समय बिताएंगें और लोगों से रूबरू होगें, बीते 3 साल की बात करें तो कांग्रेस में आपस में लड़ाई में ही बीत चुके है।
एक दूसरे से आगे निकलने की भी होड़ मची रही है। छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर बड़े से बड़े जनप्रतिनिधियों में अब तक मतभेद कई बार उभर कर सामने आ चुके है। पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं देखा गया है। जनता यह सब भलीभांति देख रही है। यह तय है कि कोरिया जिले की तीनों विधानसभा पर घोषित नए जिले के नवनिर्माण का असर पड़ेगा। विकास को लेकर जो दावे किए जा रहे है, उसमें कई प्रोजेक्ट ऐसे है जो रायपुर में ही अटके हुए है। नवीन जिला अस्पताल का प्रोजेक्ट खुद सरकार ने रोक रखा है।
सीमित पर विरोध में सबसे आगे
कोरिया जिले में आम आदमी पार्टी का सबसे ज्यादा प्रभाव भरतपुर क्षेत्र में है, इस क्षेत्र में पार्टी के जिला अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा और प्रदेश उपाध्यक्ष सुखवंति सिंह ने कांग्रेस सरकार के बीते सवा तीन साल के कार्यकाल में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई है। यहां जारी अवैध रेत उत्खनन का मामला हो या अन्य कोई भी घटना, पार्टी की तत्पर्यता ऐंसी की जनता के साथ खड़े होकर प्रशासन को कई बार उनके विरोध को शांत करवाने नाको चने चबाने पड़े है। भरतपुर क्षेत्र में आप ने अब तक कांग्रेस का बैकफुट पर रखा है। पार्टी जिले में भरतपुर तक ही सीमित है, परन्तु मजबूत विपक्ष की भूमिका में भाजपा से काफी आगे दिखती आ रही है।
कमजोर विपक्ष की भूमिका में भाजपा
कोरिया भाजपा को 4 राज्यों मे आए परिणाम के बाद शायद कुछ उर्जा मिले, परंतु बीते सवा 3 साल से तो कांग्रेस के खिलाफ भाजपा कोई खास तरीके से मजबूती से सामने नही आ पाई है। जनता के स्थानीय मुद्दों पर भी पार्टी की सजगता किसी से छिपी नहीं है। भाजपा 3 साल से अब तक जारी अवैघ रेत उत्खनन से लेकर तमाम भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उस स्तर पर सामने नहीं आ पाई, आंदोलन की घोषणा की बाद में आंदोलन हुआ ही नहीं, जबकि कर्द पदाधिकारी या कार्यकर्ता को अपने स्तर पर विरोध करना कई बार महंगा पड़ चुका है। संभाग प्रभारी नवीन नितीन ने भी स्थानीय मुद्दों पर भाजपा पदाधिकारियों की जमकर क्लास ली थी।