कोरिया
सीएम और स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा, पर बजट में गायब
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 13 मार्च। कोरिया जिले के विभाजन के बाद बचरापोड़ी क्षेत्र को कोरिया में रखने की लड़ाई जारी है, 15 मार्च को विभाजन को लेकर पीआईएल पर हाई कोर्ट में सुनवाई है, वहीं बचरापोड़ी एमसीबी में रहे इसके लिए अब बचरापोड़ी की ग्राम सभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी भी की जा रही है। वहीं कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से 30 किमी दूर बैकुंठपुर विधानसभा में आने वाला बचरापोड़ी क्षेत्र को लेकर की गई घोषणाओं पर अब तक अमल नहीं हो सका है।
दरअसल, कोरिया के विभाजन को लेकर बैकुंठपुर में कोरिया बचाओ मंच के साथ सभी राजनैतिक दलों के साथ विभिन्न संगठनों और हर वर्ग के लोगों ने 63 दिन तक धरना दिया, उसके बाद नगरीय निकाय के चुनाव का बहिष्कार किया गया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लोगों से बात की, और वादा किया कि उनकी मुख्यमंत्री जी से बात हुई है जो जहां रहना चाहता है, उसे वहीं रहने दिया जाएगा, यह भी कहा कि बचरापोड़ी को तहसील बनाया जाकर उसे कोरिया में रखने जाने की सहमति मुख्यमत्री जी ने दे दी है। बचरापोड़ी को आगामी बजट में शामिल कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री की बात का असर यह हुआ कि कांग्रेस को बैकुंठपु और चरचा शिवपुर में बडी जीत मिली। परन्तु जब बजट सामने आया तो बजट में शामिल नहीं किया गया। वहीं घोषणा के अनुरूप यदि बचरापोड़़ी को तहसील बजट में शामिल कर दिया जाता तो कोरिया जिले के विभाजन में बचरापोड़ी को कोरिया में रखा जाना आसान हो सकता था। दूसरी ओर कोरिय बचाओ मंच के शैलेष शिवहरे, सर्व आदिवासी समाज के विजय सिंह ठाकुर, समाज सेवी और एक्टिविस्ट अनिल शर्मा ने हाई कोर्ट में कोरिया के विभाजन को लेकर पीआईएल दाखिल की है, जिस पर 15 मार्च को सुनवाई होना है।
ग्रामसभा में शामिल करने की तैयारी
कोरिया के विभाजन में सबसे ज्यादा विरोध बचरापोडी समेत बैकुंठपुर विधानसभा में शामिल ग्राम पंचायतों को लेकर था, ज्यादातर ग्राम पंचायतों ने कोरिया में रखे जाने को लेकर ग्राम सभा का प्रस्ताव भेजा, इसमें बचरापोड़ी भी शामिल था, परन्तु अब बचरापोड़ी सहित कुछ ग्राम पंचायतों को एमसीबी में शामिल किए जाने को लेकर नए सिरे से ग्राम सभा का प्रस्ताव बनवाने की तैयारी की जा रही है, ताकि पूरा खडग़वां एमसीबी में आ सके।
महाविद्यालय की घोषणा पर मिला नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहली बार जब चिरमिरी आए तो उन्होनें बचरापोड़ी मे महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की थी, उनकी घोषणा के बाद जिला प्रशासन और विधायक संसदीय सचिव की पहल पर महाविद्यालय के लिए भवन की व्यवस्था कर ली, अब इंतजार था महाविद्यालय की घोषणा अनुरूप बजट में शामिल किए जाने का, परन्तु 9 मार्च को जारी किए गए बजट में बचरापोड़ी में महाविद्यालय का नाम ही गायब था, ऐसा नहीं है कि इसके लिए प्रयास नहीं किए गए, बीते 3 वर्षो से लगातार संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव ने बजट में शामिल करने की मांग को लेकर पत्राचार भी किया।