कोरिया

12-14 वर्ष कोरोना टीकाकरण में दिलचस्पी नहीं, 27 फीसदी ही लक्ष्य हुआ है पूरा
30-Mar-2022 6:56 PM
12-14 वर्ष कोरोना टीकाकरण में दिलचस्पी नहीं, 27 फीसदी ही लक्ष्य हुआ है पूरा

वैक्सीन हो रहे बर्बाद, पालक को आगाह करने पर देते हैं धमकी

छत्तीसगढ़ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया), 30 मार्च। कोरिया जिले में 12 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों को कोविड टीकाकरण करने उनके माता पिता को कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है। टीकाकरण के लिए कोई प्रोत्साहित भी नहीं कर रहा है, 15 से 18 वर्ष के बच्चों का भी यही हाल है, एक्का दुक्का यदि लगवाने आए भी तो वैक्सिन की बर्बाद हो रही है, बर्बादी को लेकर यदि पालक को आगह करने की कोशिश करता है तो पुलिस और पत्रकारों की बुलाने की धमकी दी जा रही है।

दरअसल, कोरिया जिले में 12 से 14 वर्ष के बच्चों को कोविड टीकाकरण होना है। शुरू होने के बाद से टीकाकरण की स्थिति निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे है। कोरिया जिले में 12 से 14 वर्ष के 31944 बच्चों को कोविड टीकाकरण करने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग को है, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद अब तक 8566 बच्चों को ही टीकाकरण हो पाया है जो कि कुल मिले लक्ष्य का 27 प्रतिशत ही है। ऐसे में उक्त आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण का टारगेट पूरा करने के लिए अभी कई दिन और लगेंगे।

नहीं है दिलचस्पी

शहरों में बच्चों के टीकाकरण को लेकर उनके माता पिता कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। वहीं टीकाकरण दलों के द्वारा अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाकर उक्त आयुवर्ग के बच्चों को टीकाकरण करने पहुंच रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ का सीजन चलने के कारण कई बच्चे स्कूल कई दिनों से नहीं आ रहे है ज्यादातर विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों के महुआ बिनने के लिए चले जाते है और विद्यालयों में उनकी उपस्थिति नहीं होने के कारण टीकाकरण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। टीकाकरण दल अभी गांवों में घर घर ज्यादा नहीं घूम रहे है क्योंकि सुबह से लेकर दोपहर तक घर के लोग बच्चों के साथ जंगलों में महुआ चुनने के लिए  निकल पड़ते है और दोपहर में ही घर लौटते है। इस दौरान बच्चे घर पर नहीं मिल रहे। वही टीकाकरण दल को देखकर बच्चे छिपने लगते है, जिस कारण घर घर घूमने के बावजूद बच्चे नहीं मिलते है जिस कारण टीकाकरण दल को बच्चो ंका टीकाकरण करने में दिक्कतों का समाना करना पड़ रहा है।

बच्चे नहीं मिलने से वैक्सीन हो रही खराब

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टीकाकरण के लिए जब वैक्सीन को खोला जाता है तो एक वैक्सीन की डोज से कई बच्चों को टीका लगाया जा रहा है, वहीं बच्चे नहीं मिलने के कारण किसी एक के लिए डोज खोलने के बाद दूसरा तीसरा कोई नहीं मिलने से वैक्सीन भी खराब हो रही है। इस तरह प्रतिदिन जिले के टीकाकरण दलों के पास कई वैक्सीन खराब हो रहा है जो चिंता की बात है। जिला अस्पताल बैकुंठपुर में वैक्सिन को लेकर कई बार हंगामा हो चुका है, एक बच्चे को टीका लगवाने के लिए यदि उनके माता पिता को कुछ देर रूक के लिए कहा गया, ताकि और बच्चे आ जाए तो वैक्सिन खराब होने से बच जाएगी, जिस पर पुलिस और पत्रकार को बुलाने की धमकी देकर बडा बवाल मचा, अंत में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाना पड़ा।

ब्लाक टारगेट       फिजीकल           इंट्री प्रतिशत

बैकुंठपुर      9150    2741                30

भरतपुर      4533    802                  18

खडगवॉ      5502    1299                24

मनेंद्रगढ      7083    1736                25

सोनहत      2356    1248                53

चिरमिरी     3319    740                  22

क्ुल      31944 8566 27

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