कोरिया
मुख्यमंत्री के आगमन पूर्व बैकुंठपुर के विकास कार्यो में लगी रोक हटी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 2 अप्रैल। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के विकास के लिए एक बड़ी खबर आई है। वर्ष 2019 से नवीन जिला अस्पताल और केन्द्र सरकार का मदर एंड चाइल्ड अस्पताल के निर्माण को हरी झंडी मिल गई है, दोनों का टेंडर काफी पहले हो चुका था, परन्तु वर्क आर्डर जारी नहीं हो रहा था, परन्तु अब दोनो अस्पताल का वर्क आर्डर हो चुका है। देखना है अब इसका भूमिपूजन कब होता है और काम कब शुरू होता है।
कोरिया जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हैं, वहीं बैकुंठपुर में विकास को लेकर कई कार्यो पर वर्षो से रोक लगी हुई थी। मुख्यमंत्री का संभावित दौरा होना है, जिसे लेकर अब रूके कार्यो को फौरी तौर पर शुरू किया जाने लगा हैं। विधानसभा चुनाव के बाद जब संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव जिला अस्पताल पहुंची, उसके बाद ही उन्होने नए सर्व सुविधायुक्त जिला अस्पताल के लिए भूमि के चयन को लेकर रणनीति बनाई, जिला प्रशासन ने भूमि ढंूढी, परन्तु तत्कालिन कलेक्टर डोमन सिंह का स्थानांतरण हो गया, जिसके बाद आए कलेक्टर सत्यनारायण राठौर ने पूरे एक वर्ष दोनो अस्पताल की भूमि को लेकर पेंच फंसा दिया, उन्होने स्थल चयन कर दिया, पूर्व में 10 एकड़ भूमि पर जिला अस्पताल बनना था, उसे वो 4 एकड़ की विवादित भूमि पर बनाने के लिए अड़े रहे, एक साल बाद उनके स्थानांतरण के लिए कलेक्टर श्याम धावड़े ने पदभार संभाला, उन्होंने दोनों अस्पताल के निर्माण की प्रक्रिया तेज की, कंचनुपर में 10 एकड की भूमि पर नवीन जिला अस्पताल और एमसीएच बनाए जाने की तैयारी पूरी की, जिसके बाद दोनों को टेंडर निकाल गया, बाद में फाइल जाकर रायपुर में अटक गई, बात यह सामने आई यदि कार्य शुरू नहीं होगा तो एमसीएच की राशि वापस चली जाएगी।
अब कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री का संभावित दौरा है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने दोनो अस्पतालों का वर्क आर्डर जारी कर दिया है, अस्पताल निर्माण का कार्य अंबिकापुर के ठेकेदार को मिला है। अब देखना है कि दोनों अस्पताल के निर्माण का भूमिपूजन कब होता है और काम कब शुरू होता है।
केंद्र सरकार से मिला एमसीएच
कोरिया जिले के जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में मदर एंड चाइल्ड हास्पिटल के लिए केन्द्र सरकार ने 15 करोड़ रुपए जारी किए थे, राशि आकर पड़ी हुई थी, परन्तु इसके निर्माण को लेकर राजनीतिक पेंच फंसा हुआ था, बैकुंठपुर के कंचनपुर के पास इसके लिए भूमि का आंबटन किया गया था, अब जाकर उसके निर्माण का रास्ता साफ हो पाया है। तय है इसके निर्माण के बाद महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा बनी समस्या से निजात मिलने की पूरी उम्मीद बधी है।