कोरिया

सीएमपीएफ के आंकड़ों में गड़बड़ी, 150 मजदूरों के नाम गायब, हड़ताल शुरू
05-Apr-2022 3:35 PM
सीएमपीएफ के आंकड़ों में गड़बड़ी, 150 मजदूरों के नाम गायब, हड़ताल शुरू

2 दिन से बंद है कोल उत्पादन, थम गए मालगाड़ी के पहिए

अब तक 2 करोड़़ से ज्यादा का नुकसान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 5 अप्रैल।
मजदूरों को दिए दो माह के समय के बाद भी कॉलरी प्रबंधन ने उनके सीएमपीएफ की राशि का हिसाब नहीं दे पाया, जिससे छुुब्ध होकर परिवार के साथ ठेका मजदूर अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हंै। जिससे कोरिया जिले में एशिया का सबसे अच्छा ए ग्रेड कोयले का उत्पादन बीते दो दिन से बंद है, बैकुंठपुर क्षेत्र अंतर्गत चरचा आरओ में सन्नाटा पसरा हुआ है, मालगाड़ी के पहियों पर ब्रेक लगा हुआ है, जिससे अब तक 2 करोड़ रूपए से ज्यादा का नुकसान भारत सरकार को हो चुका है।

ज्ञात हो कि दो माह पूर्व संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव की उपस्थिति में कॉलरी प्रबंधन के साथ मजदूरों की बैठक हुई है, इस बैठक में यह तय हुआ था कि मजदूरों के खाते में बीते 8 वर्ष से जो सीएमपीएफ की राशि काटी जा रही है उसका पूरा हिसाब कॉलरी प्रबंधन देगा, इसके अलावा मजदूरों की कई मांगों के लिए प्रबंधन ने दो माह का समय लिया था, दो माह पूर्ण होने के बाद प्रबंधन ने जो सीएमपीएफ के आंकड़े दिए, उससे मजदूरों में और गुस्से में आ गए, ऐसे आंकड़ों में कुछ 364 मजदूरों की सूची दी गई है, जिसमें सीएमपीएफ के आंकड़ों में काफी गड़बड़ी देखी जा रही है। इसके लिए लगभग 150 मजदूरों के नाम ही गायब है।

इसके बाद मजदूरों ने कॉलरी प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी। जिसका परिणाम यह हुआ कि कल से चरचा आरओ पूरी तरह से बंद है, कोयला उत्पादन ठप है और बाहर जाने वाले कोयले के रैक नहीं जा पा रहे हंै।
मजदूरों को कहना है कि चरचा आरओ द्वारा काम के समय जो स्लिप दिया गया है। जो राशि उसमें अंकित हैै, सीएमपीएफ की राशि नम्बर को दिया स्पष्ट रूप से दिया गया है, पैसा जमा है लेकिन खाते में नहीं दिख रहा है। दूसरी ओर मजदूरों के सीएमपीएफ के नाम पर कॉलरी के वित्त विभाग में बड़ा घोटाले को लेकर बात सामने आ रही है, इसमें जो राशि मजदूरों को मिलती है वह पूरी नहीं होती, बीच की राशि में कमीशनखोरी के कारण मजदूर परेशान हैं।

सब कुछ होगा ठप

 मजदूरों ने स्पष्ट सूचना दी थी कि सीएचपी, बेल्ट, कोयला लोडिंग पाइण्ट, कोयला की माल गाड़ी में कोयला लोडिंग नहीं होने देंगे तथा कटगोड़ी जाने वाली ड्यूटी की बस, जेमको की बस और एसईसीएल से संबंधित किसी भी वाहन को नहीं आने-जाने दिया जाएगा। ठेकेदार मजदूर बहुत अधिक परेशान है उन्हें भूखों मरने की स्थिति बन गयी है उनके पीएफ के नाम काटी गई रकम जो उनके जीवन की पूंजी है उसे भी यहां का प्रबंधन सही रूप से दिखाने में अममर्थ है। हड़ताल से होने वाली समस्त परेशानी का जिम्मेदार सिर्फ चरचा आरओ का प्रबंधन होगा।

सीएमपीएफ के साथ कई मांगें

मजदूरों ने कलेक्टर को सौपें अपने ज्ञापन में बताया है कि उनसे सीएमपीएफ के नाम पर काटी गई राशि पेमेंट स्लिप के आधार पर पूरा पैसा हमारे खातों में स्पष्ट रूप से दिखाया जाये।  हमारे खाते में सीएमपीएफ का पैसा ऑन लाईन दिखाया जाये या ईपीएफ को पैसों को ट्रांसफर किया जाये ताकि जिन मजदूरों को उन रूपयों की जरूरत हो उसे आसानी से निकाल सके। जो हाई पावर कमेटी के द्वारा कोल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वेतन 787 रूपये निर्धारित किया गया है उसे भुगतान कराया जाये। मजदूरों का वेतन सीधे उनके खातों के माध्यम से किया जाये ताकि जो कमीशनखोरी जो प्रबंधन ठेकेदारों के बीच में हो रहा है उसे रोका जा सके और मजदूर को उनके वेतन का पूरा लाभ मिल सके। अगर कोई भी ठेकेदार ठेका लेता है तो सीधे ठेका मजदूर के संघ से सम्पर्क करें ताकि संघ के माध्यम से ठेकेदार को मजदूर दिया जा सके एवं ठेकेदार किसी भी प्रकार से मजदूर के वेतन में कटौती कर सके। जिन दो ठेकेदारी मजदूरों का चरचा ईस्ट पुराना खदान के अन्दर वर्ष 2020 में दुर्घटना का शिकार हुए है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाये।

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