कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 11 अप्रैल। 28 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के समस्त कर्मचारी 11 अप्रैल से 3 दिनों का सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर चले गए। स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ सहित जिले भर के सभी शासकीय सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा। हड़ताल के संबंध में पहले से जानकारी होने की वजह से अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या नहीं के बराबर रही, वहीं पहले से भर्ती मरीज चिकित्सकों की निगरानी में रहे।
मनेंद्रगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों ने मांगों को लेकर जहां धरना दिया, वहीं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर लंबित मांगों के संबंध में उनका ध्यानाकर्षण कराते हुए शीघ्र सभी मांगें पूरी किए जाने की गुहार लगाई।
ज्ञापन में जिन मांगों को शामिल किया गया है, उनमें संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष द्वारा संघ की मांगों पर विचार कर वेतनमान संबंधी जो प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, उसे लागू करते हुए वेतनमान का लाभ दिए जाने, स्टाफ नर्सों को केंद्र की भांति पदनाम परिवर्तित कर नर्सिंग ऑफिसर, वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर रखे जाने एवं मप्र की भांति डिग्री व डिप्लोमाधारी नर्सेस को 4 एवं 3 अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ, समस्त ड्रेसरों को समयमान वेतन का लाभ एवं पदनाम परिवर्तित कर आर्थोपेडिक टेक्रिशियन करने, आयुर्वेद विभाग में 1997 के पूर्व से कार्यरत अंशकालीन स्वच्छकों को पूर्णकालिक कर नियमित करने, रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश्न सहित विभिन्न योजनाओं में नियुक्त संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन का लाभ देते हुए नियमित कर्मचारियों की भांति संपूर्ण सुविधा दिए जाने, जीवनदीप समिति में कार्यरत समस्त दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को श्रम अधिनियम 1948 के तहत कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान करते हुए नियिमतीकरण किए जाने एवं नियमित नियुक्ति में 50 प्रतिशत पद जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारियों के लिए आरक्षित रखे जाने तथा विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी को नियमित किए जाने, समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान दिए जाने एवं एकल पद वाले पदों के लिए पदोन्नत चैनल बनाए जाने, समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियों को जो 24 घंटे सेवा में रहते हैं, उन्हें 13 माह का वेतन दिए जाने, संविदा कर्मचारियों के एक्जाई वेतन में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, अन्य राज्यों की भांति चिकित्सक विहीन स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट को मरीजों का इलाज करने की अनुमति प्रदान करने, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला आयुर्वेद अधिकारियों के द्वारा ब्लाक एवं जिला स्तन पर किए गए।
संलग्नीकरण को तत्काल समाप्त किए जाने सहित अन्य मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को उपकृत किए जाने की मांग की गई है। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि अपनी लंबित मांगों के समर्थन में वे निरंतर विगत 12 वर्षों से संघर्षरत हैं। शासन-प्रशासन का ध्यानाकृष्ट करने 7 मार्च 2022 को जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन, 21 मार्च को संभाग स्तर पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन एवं 3 मार्च को प्रांत स्तर पर धरना प्रदर्शन, रैली एवं ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में विवश होकर उनके द्वारा 11 से 13 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश लेकर शासन का ध्यानाकृष्ट कराया जा रहा है।