कोरिया
कर्मचारियों ने कहा-शासन के नहीं जागने पर बेमुद्दत हड़ताल होगा अंतिम विकल्प
छत्तीसगढ़ संवाददाता,
मनेन्द्रगढ़, 12 अप्रैल। 28 सूत्रीय मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारी मंगलवार को दूसरे दिन भी सामूहिक अवकाश पर रहे। स्वास्थ्य कर्मियों के सामूहिक अवकाश से पूरे जिले के सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए यह नाकाफी साबित हो रही है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के समस्त कर्मचारी अपनी 28 सूत्रीय मांगों को लेकर 11 अप्रैल से 3 दिनों का सामूहिक अवकाश पर हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ सहित जिले भर के सभी शासकीय सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में 2 दिनों से सन्नाटा पसरा हुआ है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा पिछले 2 दिनों से काम छोडक़र धरना दिया जा रहा है। इसमें जीवनदीप समिति के कर्मचारी, लैब टेक्रिशियन, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, आरएमए आदि कर्मचारी शामिल हैं जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। हालांकि सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं शुरू रहने की बात कही जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि अस्पतालों में चिकित्सकों के कक्ष में ताला लटका हुआ है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि अपनी लंबित मांगों के समर्थन में वे निरंतर विगत 12 वर्षों से संघर्षरत हैं। उनके द्वारा चरणबद्ध तरीके से शासन-प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराया जा रहा है। 7 मार्च 2022 को जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया गया। वहीं 21 मार्च को संभाग स्तर पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन एवं 3 मार्च को प्रांत स्तर पर धरना प्रदर्शन, रैली एवं ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में विवश होकर उनके द्वारा 11 से 13 अप्रैल तक सामूहिक अवकाश लेकर शासन का ध्यानाकृष्ट कराया जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि इसके बाद भी यदि शासन नहीं जागता है तो उनके द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल एकमात्र अंतिम विकल्प होगा।