कोरिया

अवैध कोयले का कारोबार, मृत होने की वजह जानने पहुंचा प्रशासन
17-Apr-2022 2:02 PM
अवैध कोयले का कारोबार, मृत होने की वजह जानने पहुंचा प्रशासन

पटना क्षेत्र में दर्जनों अवैध कोयले की खदानें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया),  17 अपै्रल।
कोरिया जिले के पटना और सोनहत के रावतसरई क्षेत्र के बीच स्थित जंगलों में दर्जनों अवैध कोयले की खदानोंं से लाखों रूपए का कोयला सूरजपुर से लेकर कोरिया के विभिन्न र्इंट भट्टों में खप रहा है, वहीं 15 अप्रैल को इन्हीं खदान में से एक खदान धसक गई, खबर सामने यह आई कि धंसी खदान में दब कर एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो घायल हो गए, जिसके बाद रविवार को प्रशासन मामले में मृत होने की वजह जानने सिंगपानी पहुंचा। एसडीएम के साथ कई अधिकारियों ने अवैध कोयले की खदानों का दौरा किया, मृतक के परिजनों से बात भी की। मामले में प्रशासन अब जांच में जुटा हुआ है।

मौके पर पहुंचे तहसीलदार भीष्म पटेल का कहना है कि मृतक को लेकर कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है, सिर्फ सुनी सुनाई बातें सामने आ रही है। अवैध उत्खनन हो रहा है, इसके लिए कलेक्टर ने टीम बनाई है, माईनिंग, वन और एसईसीएल की, किस तरह से ब्लास्टिंग कर कोयला निकाला जाएगा, अवैध उत्खनन का 100 प्रतिशत हल नहीं है। सारी जानकारी कलेक्टर को दी जाएगी, उसके बाद आगे की रूपरेखा तय जिला प्रशासन तय करेगा।

मामले में वन विभाग के एसडीओ अखिलेश मिश्रा का कहना है कि इस क्षेत्र के ग्रामीणों पर वन विभाग ने दर्जनों बार कार्यवाही की है, कोयले के निकालने में होने वाले खतरे को लेकर कई बार समझाईश भी दी गई है, परन्तु कोई मानने को तैयार नहीं है, वहीं मामले में मृतक के परिजनों का कहना है कि मकान से गिरकर वो घायल हुआ था, जिस कारण उसकी मौत हुई है। उन्हें इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं चाहिए।

कोरिया जिले के पटना क्षेत्र में अवैध कोयले की खदान में हुई मौत की खबर बीते दो दिन से चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसके बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और रविवार को एसडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर, वन विभाग के एसडीओ अखिलेश मिश्रा, खनिज अधिकारी, तहसीलदार पटना भीष्म पटेल समेत कई अधिकारी सिंगपानी पहुंचे। जिसके बाद मृतक के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली, जिस पर मृतक के परिजनों ने ऐसी कोई घटना से इंकार कर दिया और मकान से गिरकर घायल और बाद में मौत होना बताया। पूछताछ के बाद जांच में पहुंची टीम ने क्षेत्र में कई अवैध कोयले की खदानों को जाकर देखा। उस खदान को भी देखा जो धंसी है।

नहीं हुआ पोस्टमार्टम
15 अप्रैल को दोपहर 1 बजे उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, बाद में उसकी मौत जिला अस्पताल में ही हुई। मौत के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी पुलिस को क्यों नहीं दी, जबकि छोटी सी छोटी घटना की जानकारी पुलिस थाने को दी जाती है। मौत के मामले में जिला अस्पताल ने इतनी बड़ी लापरवाही किसके दबाव में बरती। मामले में प्रशासन अब इन तथ्यों को लेकर जांच कर रहा है कि आखिर घटना से मौत होने के बाद शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया।

दर्जनों अवैध खदान, लाखों का कारोबार
पटना क्षेत्र में पूटा से सोनहत के रावतसरई के बीच के जंगलों के बीच सिंगपानी नाम की जगह है, यहां के पहाड़ों में प्रचूर मात्रा में कोयला है, यहां बना वनमार्ग सुरजपुर के भैयाथान धरसेड़ी में जाकर मिलता है, यहां की अवैध खदानों को कंट्रोल कोरिया के दमदार लोगों के हाथ में है, यहां ग्राम कुप्पी से लेकर पूटा तक के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अवैध खदानों में रात दिन कोयला निकालते हैं, जबकि कई बार अवैध खदान के धंसने का मामला सामने आ चुका है। यहां निकाले कोयले को पिकप में भरकर सुरजपुर और कोरिया जिले के अवैध र्इंट भट्टों में खपाया जाता है, सिर्फ कोरिया जिले मे 3000 से ज्यादा अवैध ईंट भ_े हंै, खनिज विभाग के पास इसकी पूरी जानकारी है, ईंट भ_ों में खनिज विभाग के सैनिक पहुंच कर घूम कर लौट आते हंै, परन्तु कार्रवाई के नाम पर सिर्फ सरकारी ईंधन खर्च हो रहा है।

बढ़ता गया कारोबार

कोरिया जिले के पटना क्षेत्र मे पूर्व में मुरमा के देवखोल में अवैध कोयले की खदान संचालित रही, आज भी वहां से लगातार कोयला निकाला जाता है, इसके अलावा पूटा के सिंगपानी क्षेत्र में स्थित पहाड़ों में प्रचूर मात्रा में कोयला है, यहां दर्जनों कोयले की खदानें है, ऐसा नहीं इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है, इस अवैध करोबार की जानकारी हर किसी को है। वन विभाग ने कई बार कार्रवाई की, परन्तु पुलिस मामले में कार्रवाई करने से बचती रही है। जिसके कारण यह कारोबार लगातार बढ़ता गया, बीते तीन वर्षों में इस पर रोक को लेकर किसी ने किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया।

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