कोरिया
कलेक्टर के निर्देश पर बनी टीम दुबारा पहुंची सिंगपानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 18 अप्रैल। कोरिया जिले के बैकुंठपुर जनपद अंतर्गत पटना क्षेत्र में दर्जनों अवैध कोयले की खदानों को लेकर कलेक्टर कुलदीप शर्मा सख्त नजर आ रहे है, उनके द्वारा एसईसीएल, वन विभाग और खनिज विभाग की एक टीम तैयार की गई है। सोमवार को कलेक्टर के निर्देश पर बनी टीम दुबारा सिंगपानी की अवैध खदानों को ब्लास्टिंग से बंद करने को लेकर मुआयना करने पहुंची। तय है कि यदि जून तक इन खदानों को बंद कर दिया जाता है तो काफी हद तक अवैध कारोबार पर नियंत्रण लगाया जा सकता है।
इस संबंध में कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि कोयले के पकड़े वाहनों पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है, पकड़े जाने पर आसानी से छोडऩे का सवाल ही खड़ा नहीं होता है, अवैध खदानों को ब्लास्टिंग कर बंद करने की तैयारी के तहत काम हो रहा है, टीम रिपोर्ट देगी उसके आधार पर कार्यवाही होगी।
सोमवार को एसडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह ठाकुर, वन विभाग के एसडीओ अखिलेश मिश्रा, खनिज विभाग की त्रिवेणी देवांगन और एसईसीएल के अधिकारी दुबारा सिंगपानी पहुंचें। सिंगपानी गांव में बीचोबीच स्थित एक खदान का मुआयना किया, यहां भी बीते कोरोना कॉल मे हादसे में जान जा चुकी है। इसके बाद लगभग 1 दर्जन से ज्यादा खदानों को देखा, यह तय किया गया है कि किस तरह से इन अवैध खदानों को बंद किया जा सके। दरअसल, यह पूरा अवैध कारोबार अवैघ ईट भट्टों में कोयला पहुंचाने को लेकर अवैघ रूप से कोयले की तस्करी का है।
इस कारोबार की जानकारी के बाद पुलिस किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से बचती रही है। दूसरी ओर जिले में संचालित 3000 से ज्यादा ईट भट्टो को लेकर खनिज विभाग संजीदा नहीं है। अब जब मामले में एक की मौत और 2 घायलों को लेकर बात सामने आई, तब प्रशासन पहली बार सिंगपानी पहुंचा, मौके पर पहुंचें अधिकारी भी अवैध खदान देखकर हैरान रह गए, जब अधिकारी पहुंचें तो एक खदान में कोयला निकाला जा रहा है, खदान के अंदर पानी भरा हुआ था, अधिकारियों को देखकर पानी में तैरकर कुछ ग्रामीण भाग निकले।
एक पिकप 12 हजार से ज्यादा
पटना क्षेत्र में संचालित खदानों से रोजाना 15 से 20 पिकअप कोयला सुरजपुर से लेकर कोरिया जिले के कोने कोने में अवैध ईट भट्टो पर जाता है। एक पिकअप का लगभग 12 हजार रू रेट है, ऐसे में प्रतिदिन लाखों रूपए का कारोबार होता है और सिर्फ बारिश का मौसम छोड़ 8 महिने में कारोडों का कारोबार हो जाता है। इस कार्य में ग्रामीणों को मनरेगा से ज्यादा की मजदूरी दी जाती है, एक मजदूर को 4 सौ से 5 सौ रू प्रतिदिन दिया जाता है, जिस कारण ग्रामीण अंचल के ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इस कार्य में दिनरात लगे रहते है। खनिज विभाग को ईट भट्टे में आने वाले कोयले की पूरी जानकारी है, परन्तु विभाग के अधिकारी कार्यालय से बाहर नहीं निकलते है।