कोरिया

ओएसटी सेंटर शुभांरभ से आज तक नहीं पहुंची दवाईयां
19-Apr-2022 3:29 PM
ओएसटी सेंटर शुभांरभ से आज तक नहीं पहुंची दवाईयां

दिखावा साबित हुआ नशे की लत छुड़ाने के लिए खुला सेंटर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 19 अप्रैल।
ओपिऑयड सब्स्टीट्यूशन थेरेपी सेंटर (ओएसटी) में डॉक्टर ही नहीं, अब दवाओं का संकट भी खड़ा हो गया है। सेंटर में सिरिंज से नशा लेने वालों की काउंसिलिंग और इलाज होता है।
नशे के शिकार लोगों से नशे का लत छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल में बीते नंवबर माह में ओएसटी सेंटर शुरू किया गया था। खोले जाने के बाद आज तक दवाइयां नहीं पहुंच पाई, ऐसे में अब यह सिर्फ दिखावे का रह गया है। कहने को यहां एक काउंसलर की पदस्थापना हुई है, जो मानसिक बीमार मरीजों की काउंसलिग करती है।

ओएसटी के मेडिकल ऑफिसर डॉ शुभाशिस करण का कहना है कि मुझे प्रमुख बनाया गया है, परन्तु मुझे इंवाल्व नहीं किया गया है, मैडम है वहां पदस्थ उन्हें मनेन्द्रगढ के ओएसटी सेंटर से मिलकर काम करना होगा, शुभांरभ होने के बाद से दवाईयों तो नहीं आई है। वहां पर मानसिक रोगियों की काउंसलिंग की जा रही है।  

कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर तत्कालिन एसपी संतोष सिंह ने ओएसटी सेंटर की स्थापना की, नवंबर 2021 में हुए इसके शुभारंभ के अवसर पर वर्तमान आईजी अजय कुमार यादव ने किया था। जनवरी 2022 में एसपी संतोष सिंह का स्थानांतरण राजनांदगांव हो गया। उनके कोरिया में रहते इस ओएसटी सेंटर पर दवाओं को टोटा था और अब तक वैसा ही हाल बना हुआ है, कहने को ओएसटी सेंटर में बड़े बड़े बोर्ड लगे हुए है, निजात अभियान के नशे से दूर रहने के पोस्टर से ओएसटी केन्द्र पटा हुआ है, परन्तु यह सेंटर के हालात बंद ही जैसे है। 6 महिने से दवाईयां नहीं होने के कारण जिस उद्देश्य के लिए इसका शुभारंभ किया गया, वो पूरा नहीं हो सका। जिस दिन इसका शुभारंभ किया गया था काफी संख्या में नशे से जुड़े लोगों को यहां लाया गया था, परन्तु शुभारंभ के बाद कईयों को दिसंबर में हुए नगर पालिका चुनाव में प्रत्याशी बनते लोगों ने जरूर देखा, उसके बाद ना तो उन्होनें कभी ओएसटी सेंटर का रूख किया और ना ही पुलिस विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। तत्कालिन एसपी के स्थानांतरण के बाद तो यह लगभग बंद जैसा ही हो चुका है।

मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है असर
जिले में बड़ी संख्या में किशोर और युवा नशे की गिरफ्त में हैं। ऐसे युवाओं ने ओएसटी सेंटर में में पंजीयन कराना होता है, जिन्हें नियमित रूप से दवाइयों की आवश्यकता होती है. परंतु अब ना तो इनका पंजीयन हो रहा है और दवाईयां तो आज तक नहीं आई है। ऐसे में ऐसे नशे के आदी मरीजों की मानसिक स्थिति कैसी होगी यह आसानी से समझा जा सकता है।

ओएसटी के मेडिकल ऑफिसर डॉ शुभाशिस करण का कहना है कि  ओपिऑयड सब्स्टीट्यूशन थेरेपी सेंटर (ओएसटी) में सिरिंज से नशा लेने वालों का इलाज किया जाता है। इसमें नशा छुड़वाने के लिए गोलियां खिलाई जाती हैं। गोली खाने वालों को हर रोज सेंटर पहुंचकर हाजिरी लगानी पड़ती है। काउंसिलर अपने सामने ही गोली खिलाते हैं।
 

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