कोरिया

पेड़ गिरने से किसान की मौत, अब तक मामला दर्ज नहीं
25-Apr-2022 3:07 PM
पेड़ गिरने से किसान की मौत, अब तक मामला दर्ज नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 23 अपै्रल।
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के बाजारपारा में उद्यान विभाग के परिसर में लगा एक पुराना गुलमोहर पेड़ के गिरने से एक व्यक्ति की मौत के बाद अब तक पुलिस में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। हाल ही में अवैध कोयला खदान मे एक व्यक्ति की मौत के बाद अब तक किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी तो यह दूसरा मामला है जब मौत के बाद पुलिस सिर्फ मर्ग कायम कर जांच कर रही है। पेड़ गिरने के मामले में नपा की लापरवाही बार बार सामने आती जा रही है।

इस संबंध में बैकुंठपुर थाना प्रभारी अश्विनी सिंह का कहना है कि अभी तक किसी ने मामले में शिकायत नहीं दी है, मौत के बाद मर्ग कायम कर विवेचना जारी है।
20 अप्रैल 2022 को बैकुंठपुर के बाजार पारा स्थित पुराना गुलमोहर का पेड़ अचानक सडक़ की ओर गिर पड़ा जिसकी चपेट में आने से एक किसान तथा दो बाईक सवार घायल हो गए थे, जिनमें से एक की गंभीर हालत होने के बाद देर शाम मौत हो गयी थी। सूचना पर इस मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जॉच में जुटी है। साथ ही एसडीएम द्वारा प्राकृतिक आपदा के तहत मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के लिए दस्तावेज तैयार किये जा रहे है। परन्तु एक व्यक्ति की जान जाने के मामले में अभी तक किसी के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। वहीं रायपुर से बैकुंठपुर पहुंची संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव घटनास्थल पहुंची, उन्होंने सीएमओ और कृषि विभाग को तलब किया, परन्तु मामले में अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला। सीएमओ ने उन्हें बताया कि पेड़ काटने के लिए उन्होंने गोपाल राजवाड़े को मौके पर भेजा था, परन्तु बिजली के तार होने के कारण उसने मना कर दिया, जबकि छत्तीसगढ़ ने जब गोपाल राजवाड़े से बात की तो उन्होनें बताया कि वो 8 अप्रैल से 20 अप्रैल तक छुट्टी पर थे, वो उस पेड़ को देखने नहीं गए है। जिससे साफ होता जा रहा है कि नगर पालिका की बड़़ी लापरवाही देखी गयी हैं।

लापरवाही पर आरोप प्रत्यारोप
सडक़ पर पेड़ गिरने के मामले में वार्ड पार्षद ने सीएमओ को नगर पालिका के विभागीय वाट्सअप गु्रप में 7 अपै्रल को ही उद्यान विभाग के सामने स्थित झुके गुलमोहर पेड़ के कभी भी गिरने की संभावना जताते हुए काटने की बात बताई थी। मामले मेंं सीएमओ अब कृषि विभाग की गलती बता रही है।

 कृषि विभाग द्वारा भी पेड़ को काटने कें लिए विद्युत विभाग का पत्र देने की बात सामने आयी लेकिन उसकी पावती नहीं मिल रही है और न ही नपा के पास कोई ऐसा पत्र है, जिससे यह लगे कि पेड़ को काटने की पहल की गई हो।  जिसे लेकर नपा के जिम्मेदार बता रहे है कि उनके पास कोई इस तरह का पत्र नहीं पहुॅचा है। इस तरह घटना के बाद आरोप प्रत्यारोप ही चल रहा है। असल वजह लापरवाही को नपा के जिम्मेदार मानने को तैयार नहीं।

निकाय को पेड़ काटने का अधिकार
नगरीय निकाय को अपने क्षेत्राधिकार क्षेत्र में  हरे भरे पेड़ को खतरनाक स्थिति में आ गयी है, उसे काटने का अधिकार है। निकाय के जिम्मेदार अधिकारी वस्तु स्थिति की जॉच के बाद लोगों के लिए हानि पहुॅचाने वाले पेड़ों को काटने की कार्यवाही की जा सकती है, लेकिन इस मामले में सोशल मीडिया में जानकारी दिये जाने के एक सप्ताह बाद भी न तो स्थल की जॉच नहीं की गयी और न ही किसी प्रकार की कार्यवाही शुरू की गयी। इस तरह निकाय के जिम्मेदार अधिकारी ही इस घटना के जिम्मेदार है।
 

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