कोरिया

पार 44 डिग्री पर, गर्मी से लोग बेहाल
13-May-2022 3:10 PM
पार 44 डिग्री पर, गर्मी से लोग बेहाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 13 मई।
जिले में शुक्रवार को दिन  सुबह के कुछ घंटों के बाद से ही उमस भरी गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ रहा था और उमस के कारण पसीने से तर बतर होना पड़ा। इस दिन तापमान मौसम पूरी तरह से साफ रहा, जिसके कारण दिन भर तेज धूप के कारण इस दिन तापमान का पारा भी उपर चढ़ गया था।

जानकारी के अनुसार इस दिन तापमान का पारा 44 पहुंच गया। इसके पूर्व असानी चक्रवाती तूफान का असर ज्यादा तो नहीं रहा, लेकिन इस दौरान कुछ दिनों से आसमान में बादलों के दोपहर में छाने के कारण तापमान 40 से नीचे ही रहा लेकिन मौसम साफ होने के बाद धूप तेज हो गयी और गर्मी में बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही अब लगातार मौसम साफ रहने के संकेत है जिससे कि आने वाले दिनों में बेतहाशा गर्मी पडऩे की संभावना है।

गर्मी बढऩे के साथ ही दोपहर के समय शहर के सडक़ों पर लोगों की आवाजाही कम हो जाती है। अभी कुछ दिनों तक दोपहर में बादलों के कारण थोड़ी राहत मिलती रही है, लेकिन अब जैसे ही लगातार धूप के रहने के कारण गर्म हवाओं के थपेड़े भी दोपहर में चलना शुरू हो जायेगा, जिससे कि आने वाले में लू भी चल सकती है।

आगामी  25 मई से नवतपा की शुरूआत भी हो रही है। इस वर्ष नवतपा में जमकर धरती के तपने की उम्मीद है। नवतपा के नौ दिनों के दौरान सबसे ज्यादा गर्मी का सामना लोगों को करना  पड़ेगा। आगामी  माह के 2 जून तक नवतपा रहेगा। इसके बाद भी गर्मी से लोगों केा राहत नहीं मिलने वाली है। जब प्री मानसून की फुहार पड़ती है, उस दौरान लोगों केा तेज गर्मी से नही बल्कि उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

ठन दिनों पड़ रही तेज गर्मी के कारण लोगों का स्वास्थ्य जल्द प्रभावित हो रहा है। चिकित्सकों ने लोगों को धूप से बचने की सलाह दी है। इस दौरान यदि किसी कार्यवश घर से बाहर निकलना पड़े तो  सिर चेहरे को ढंककर ही बाहर निकले। साथ ही इस दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। साथ ही खाली पेट बाहर नही निकलने की भी कहा जाता है। अभी गर्मी को देखते हुए लोग सिर में गमछा बांधकर चलते दिखाई देते हैं, वहीं युवतियों के द्वारा अपने सिर व चेहरे पर स्कार्फ बांधकर चलते है।

पेयजल को भटकते आवारा पशु
गर्मी के दिनों में नदी नाले सूख जाते है इस दौरान पानी सबके लिए आवश्यक है। इस दौरान सबसे ज्यादा पेयजल को लेकर आवारा पशुओं को परेशानी हो रही है। शहर के कई क्षेत्रों में आवारा पशु घुमते देखे जाते है। वही कई पशु तो दिन दोपहर में भी सडकों पर दिखाई देते है इन पशुओं को इस समय पेयजल के लिए भटकना पड रहा है।  

तरबूज-खीरा खूब बिक रहे
गर्मी से राहत देने के लिए खीरा व तरबूत काफी कारगर माना जाता है। इसे देखते हुए इन दिनों शहर के बाजार में तरबूज व खीरे जमकर बिक रहे है। जानकारी के अनुसार खीरा-तरबूज गमी के दिनों में शरीर को राहत प्रदान करते है। यही कारण है कि इन दिनों सकी मॉग सबसे ज्यादा रहती है। शहर के बाजार में स्थानीय स्तर से भी खीरे की आवक शुरू हो गयी है, वहीं तरबूत ज्यादातर बाहर से आयात किया जा रहा है, जिस कारण महंगे हैं। जबकि खीरा की सबसे ज्यादा मांग बनी हुई है।

तरबूज की बम्पर पैदावार
इस साल तरबूज की बम्पर पैदावार हुई है। गर्मी बढऩे के साथ ही बाजार में इसकी मांग भी खासी बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से मंडी में लगातार तरबूज की खेप आ रही है। पिकअप में छोटे व्यापारी किसान तरबूज की फसल लेकर आ रहे हैं। आलम यह है कि 2 सप्ताह पहले 30 रूपए किलो के भाव बिकने वाला तरबूज आज मनेंद्रगढ़ के बाजार में 10 रूपए प्रति पीस की दर से बिक रहा है और लोग इसे हाथों-हाथ ले रहे हैं।

मनेंद्रगढ़ के बाजार में तरबूज बेच रहे सब्जी विक्रेता मोनू ने बताया कि मंडी में शिवरीनारायण, सिरौली और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के केवई से रोजाना गाडिय़ों में भरकर बड़ी तादात में तरबूज आ रहे हैं। बाजार का कोई कोना ऐसा नहीं बचा है जहां व्यापारी तरबूज न बेच रहे हों। मोनू ने बताया कि पहले जो तरबूज 30 रूपए किलो के भाव से बिक रहा था आज आवक ज्यादा होने की वजह से 10 रूपए प्रति पीस की दर से बिक रहा है। अंदर से लाल और बेहद मीठे तरबूज की कीमत में गिरावट ने इसकी मांग बढ़ा दी है।
 

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