कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया) 06 जुलाई। आषाढ का महीना सूखे में ही बीतने जा रहा है अभी तक जिस तरह से आषाढ़ के महीने में बारिश होनी चाहिए वह नहीं हो रही है ऐसा नहीं कि बारिश नहीं हो रही है, हो रही है लेकिन कई दिन के बाद अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही है। बुधवार को जिला मुख्यालय और उसके आसपास कुछ घंटे तेज बारिश हुई।
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर मे बुधवार की सुबह के समय कुछ देर की झमाझम बारिश हुई। जमकर हुई बारिश के चलते सडक़ों पर पानी का बहाव होने लगा। इसके एक दिन पूर्व मंगलवार को अपरान्ह के समय मुख्यालय व आस पास के गॉवों में हल्की बारिश हुई थी। वही रविवार को जब मुख्यमंत्री का दौरा रहा उस दिन सायं के समय कुछ देर की जमकर मूसलाधार बारिश हुई थी, जिसके बाद बारिश का अता पता नहीं रहता। जबकि प्रतिदिन आसमान में बादल छा रहे है लेकिन बिन बरसे ही बादल चले जा रहे है। इस तरह तरह की स्थिति जिले भर में देखने केा मिल रही है। जिले में खण्ड वर्षा की स्थिति बनी हुई है। कभी कही जमकर बारिश होती है तो कही हल्की फुहारे ही चली। जिस तरह से आषाढ के महीने में बारिश होनी चाहिए उतनी इस वर्ष अब तक रिकार्ड नही की गयी। बारिश की कमी के कारण किसानों की चिंता बढी हुई है।
इस वर्ष बीते वर्ष के जुन व जुलाई की तुलना में अब तक औसत से कम बारिश दर्ज की गयी है। बीते वर्ष मानसून की सक्रियता देरी से हुई थी और शुरूआत में मानसून कमजोर रहा लेकिन बाद में जमकर हुई बारिश से कमी की पूर्ति कर दी लेकिन इस वर्ष जून जुलाई माह मे कम बारिश दर्ज की गयी है जिससे कि बांधों में जल भराव भी ज्यादा नही हो पायी है। इसी बीच आषाढ का महीना समाप्त होने में अब केवल एक सप्ताह का ही समय बचा हुआ है, जबकि आषाढ के मौसम में सबसे ज्यादा बारिश की उम्मीद रहती है लेकिन इस वर्ष आषाढ में अब तक बारिश की गति धीमी रही है अब एक सप्ताह में कितनी बारिश होती है। हाल यह है कि अभी तक के बारिश में जमीन को गीली हो गयी है लेकिन खेतों में पानी का भराव कही पर भी नही देखने को मिल रहा है। बुधवार को सुबह के समय थोडी देर की हुई बारिश के बाद मौसम खुल गया और हल्की धूप दिखाई देने लगे हालांकि आसमान में बादल छाये रहे इस दिन जिले के कई अन्य हिस्सों में भी थोडी देर की बारिश होने की जानकारी है।
भले ही आषाढ़ में अब तक बारिश उतनी नहीं हुई है जितनी होनी चाहिए, इसके बावजूद किसानों के द्वारा जोत तैयार किये जा रहे है, इस सीजन की फसलों की तैयारियॉ की जा रही है।
लगभग किसानों के द्वारा इस सीजन की दूसरी प्रमुख फसल में गिने जाने वाले मक्का की बोआई अंतिम दौर में चल रहा है, कई किसानों के द्वारा पूर्व में ही बोआई कर चुके है और धान का पौधा तैयार करने के लिए जोत तैयार कर बोआई का कार्य कर रहे है, लेकिन कम वर्षा हो लेकर किसानों की चिंता बढ़ी हुई है।