कोरिया

मेडिकल वेस्ट अस्पताल की छत पर फेंका जा रहा जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमराई
04-Sep-2022 3:06 PM
मेडिकल वेस्ट अस्पताल की छत पर फेंका जा रहा  जिला अस्पताल की सफाई व्यवस्था चरमराई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया),  4 सितंबर।
बैकुण्ठपुर स्थित जिला अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। यहां न तो सही तरीके से वार्डो में साफ सफाई की जाती है और न ही जिला अस्पताल परिसर में ही अच्छी सफाई हो पाती है जिस कारण गंदगी के बीच में मरीजों को किसी तरह यहां रहकर उपचार कराने की मजबूरी बन गयी है।

हालत यह है कि जिला अस्पताल से प्रतिदिन निकलने वाला मेडिकल अवशिष्ट जिला अस्पताल की छत पर प्लास्टिक की थैली में बांधकर ढेर कर दिया जा रहा है ऐसा लंबे समय से किया जा रहा है। वहीं अस्पताल में कई जगहों से पानी का रिसाव हो रहा है जो छत के उपर रखे गये मेडिकल अवशिष्ट के बीच से होकर गंदा पानी भवन के अंदर तक रिस रहा है।

जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिला अस्पताल के सीएस अवकाश पर है, ऐसे में जिन्हे सीएस का प्रभार दिया गया है उनकी नजर अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं में नही जा पायी है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल बैकुंठपुर के सभी वार्ड विभिन्न क्षेत्रों से आये मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों से भरा हुआ है इसके अलावा अन्य तरह के मरीज भी यहॉ भर्ती किये गये है। जिन्हे प्रतिदिन सफाई के अभाव में दुर्गंध के बीच रहना पड रहा है। जिले के सबसे बडे अस्पताल में जिम्मेदारों के लापरवाहीपूर्वक रवैये के कारण अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। जिसे जल्द सुधार करने की जरूरत है।  

मुख्य मार्ग पर भरा रहता है गंदा पानी
जिला अस्पताल का मुख्य गेट के सामने हमेशा गंदा पानी भरा रहता है, जिसके बीच से होकर मरीजों व उनके परिजनों को होकर अस्पताल की दहलीज तक पहुॅचना पडता है। ऐसी हालत बरसात के मौसम में सबसें ज्यादा लोगों को तकलीफ देती है। जानकारी के अनुसार इस तरह की हालत बीते 3 वर्षो से  यहां की स्थिति ऐसी ही है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के मुख्य गेट प्रवेश करने के साथ ही जमीन  ढाल पर है और बरसात का पानी यहॉ आकर कई दिनों तक निकासी की व्यवस्था नही होने के कारण जमा रहता है। इसके पास में ही  सायकल स्टैंड स्थित है। अस्पताल प्रबंधन ने इस गढ्ढें को भरने के लिए कभी कोई कदम नहीं उठाए।

कुर्सियां टूटी नई से मरम्मत काम
जिला अस्पताल में मरीजों व उनके परिजनों को बैठने के लिए स्टील की कई कुर्सियॉ पूर्व में क्रय की गयी थी जिनमें से कई कुर्सियॉ टूट गई जिन्हें मरम्मत नही कराया गया बल्कि सभी टूटी हुई कुर्सियों को अस्पताल की छत पर ले जाकर कबाड़ के रूप में रख दिया गया है वही तो कुर्सियां एकदम नई लाई गई है उनकाा उपयोग सीमेंट के प्लास्टर करने के लिए किया जा रहा है।  जबकि उन कुर्सियों को मरम्मत करा दी जाती तो उसका उपयोग बैठने में किया जा सकता था लेकिन ऐसा नही किया गया। कुछ अच्छी हालत में कुर्सियॉ है उन्हे ऐसे कमरे में रखा गया है जहॉ पर मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। सीमित संख्या में ही कुर्सियॉ मरीजों व उनके परिजनों के लिए उपलब्ध है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या थोडी बहुत टुट फूट को मरम्मत कराकर उपयोग में क्यों नही अस्पताल प्रबंधन लाने की कोशिश कर रहा है। अस्पताल की छत में रखी कई कुर्सियॉ बरसाती पानी झेल रही है और इस तरह कुछ माह बाद वह जंग लगकर पूरी तरह से कबाड बन जायेगी। यदि समय रहते मरम्मत करा दिया जाता है तो उपयोग लायक बन सकती है।

सीएस गये छुट्टी पर इधर अस्पताल में अव्यवस्था हावी
जिला अस्पताल के सीएस कुछ दिनों पूर्व अवकाश पर चले गये है इनके अवकाश पर चले जाने पर दूसरे चिकित्सक केा इसका प्रभार दिया गया है लेकिन उन्हे अस्पताल की व्यवस्था देखने की फुरसत नही है। जिन्हे प्रभार दिया गया है वे अस्पताल आते है और अपनी ड्यूटी पूरी कर चले जाते है। अस्पताल का भ्रमण नही करने के कारण उन्हे अस्पताल में फैली अव्यवस्था से अनभिज्ञ है। ऐसा उनके द्वारा सौंपे गये कार्य दायित्व के प्रति गंभीरता नही दिखाये जाने के कारण उत्पन्न हो गयी है। वर्तमान प्रभार वाले सीएम स्वयं चलने में असमर्थ है जिस कारण वे अस्पताल का भ्रमण पूरी तरह से नही कर पा रहे है जिसके कारण अस्पताल में अव्यवस्था हावि हो गयी है।

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