कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 27 सितंबर। सोमवार से नवरा़त्र की शुरूआत हो गयी, इस दिन दोपहर के समय अभिजीत मुहूर्त में विभिन्न पूजा पण्डालों में कलश ज्योत स्थापना के साथ घट स्थापना की गयी और इसके साथ की आदि शक्ति जगत जननी मॉ जगदंबा की आराधना विधि विधान के साथ शुरू हो गई।
पहले दिन माता के दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड जुटी वही प्रमुख देवी मंदिरों में भी नवरात्र के पहले दिन माता के दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड जुट रही थी। इस बार नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक माता के अलग अलग दिनों में नौ रूपो की पूजा अर्चना की जाएगी।
घट स्थापना के साथ ही शहर के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बिराजी गयी मॉ दुर्गा की पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया। सभी पूजा पण्डालों में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना शुरू हो गयी है जो आगामी नौ दिनों तक चलती रहेगी। इस दौरान पूजा पण्डालों मे माता के जसगीत गुंजने लगे है और आरती पूजा एवं दर्शन के लिए भक्तजन पहुॅच रहे है।
शहर के कई वार्डो मे देवी दुर्गा की प्रतिमा पहले दिन विधि विधान के साथ कलश स्थापना एवं घट स्थापना के साथ शुरू हो गयी इसके बाद लगातार पूजा अर्चना नौ दिनों तक की जायेगी। इस दौरान विभिन्न पूजा पण्डालों में भजन कीर्तन के साथ धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे इसके अलावा कुछ समितियों के द्वारा गरबा डांस प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी है। जगराता कार्यक्रम भी आयेाजित किये जायेगे इस तरह सोमवार से शुरू शारदीय नवरात्र में आस्था का सैलाब उमडने के साथ ही भक्ति भाव की बयार चहुॅओर बहने लगी है।
संसदीय सचिव कलश यात्रा में हर्ईं शामिल
नवरात्र के पहले दिन सेामवार केा शहर में विशाल कलश या़त्रा निकाली गयी। जानकारी के अनुसार श्री श्री शेरावाली सेवा समिति ओडगी नाका के तत्वाधान में बीते 26 सितंबर को दोपहर में विशाला कलश यात्रा ओडगी नाका से शुरूआत की गयी जो शहर भ्रमण करते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पर लौटी। आयोजित कलश यात्रा में संसदीय सचिव श्रीमती अंबिका सिंहदेव भी शामिल हुई इसके अलावा भारी संख्या में महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर यात्रा में शामिल हुई बाजे गाजे के साथ निकाली गयी कलश यात्रा के दौरान जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में झमाझम बरसात भी होने लगी थी इसके बावजूद भींगते बरसात में श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा में शामिल रहे।
कई स्थानों पर अंतिम तीन दिनों के लिए आयोजन
कोरिया जिले में जहॉ जगह जगह सोमवार से मॉ दुर्गा की आराधना शुरू हो गयी है वही कुछ समितियॉ ऐसे भी है जहॉ पर अंतिम तीन दिनों के लिए दुर्गा प्रतिमा स्थापित की जाती है। जहॉ पण्डाल बनाने का कार्य चल रहा हैं और षष्ठी तिथि को घट स्थापना कर देवी मूर्ति की पूजा अर्चना शुरू की जायेगी जो अंतिम दिवस नवमी तिथि तक चलेगा। अंतिम तीन दिनों के लिए जहॉ जहॉ भी दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है वहॉ अंतिम तीनों दिन में जमकर भीड रहती है। सभी जगहों के दुर्गोत्सव में अंतिम तीन दिनों तक जमकर भीड उमडती है। पूरा शहर भक्ति में डूबा रहता है और माता के दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए परिवार के लोग घर से बाहर निकलते है।
भव्य पण्डाल एवं आकर्षक लाईटिंग
दुर्गा पूजा स्थल पर विभिन्न समितियों के द्वारा एक से बढकर एक भव्य पूजा पण्डाल बनाये गये है जहॉ मॉ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है वही पूजा समितियों के द्वारा पूजा स्थल को आकर्षक लाईटिंग के साथ सजाया गया है जिससे कि शाम ढलने के बाद पूजा पण्डालों की सुन्दरता देखते ही बनती हैं। जगमग रोशनी के बीच में पूजा अर्चना की जा रही हैं। इस वर्ष कोरोना काल के बाद किसी तरह की पाबंदी नही होने के कारण भव्य पूजा पण्डाल एवं आकर्षक लाईटिंग की गयी है।
देवी मंदिरों में जले आस्था के दीप
एक ओर जहॉ विभिन्न जगहो ंपर पूजा पण्डाल बनाकर मॉ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी है और भक्तिभाव के साथ पूजा अर्चना की जा रही है वही जिले के देवी मंदिरों में भी पूजा अर्चना एवं माता के दर्शन के लिए दूर दूर से श्रद्धालु पहुॅच कर पूजा अर्चना एवं माता का दर्शन कर रहे है।
देवी मंदिरों में पहले दिन से ही आस्था के दीप जल उठे है इसके अलावा देवी मदिरों में हजारों की संख्या में मनोकामना दीप भी प्रज्वलित की गयी है।
जिसका नजारा देखते ही बनता है। नवरात्र शुरू होने के साथ ही देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमडने लगा है। साथ ही देवी मंदिरों माता के जयकारे भी गुंजने लगे है।