कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 9 दिसंबर। कोरिया जिले के जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में 200 बिस्तरीय ईटीपी का निर्माण कार्य वर्ष 2018-19 में कराया गया और लाखों खर्च करने के बावजूद सालभर से इसकी शुरूआत नहीं हो सकी है। जिला अस्पताल का दूषित जल इस प्लांट में उपचारित किया जाएगा, जो बिना काम के बेकार पड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल परिसर बैकुंठपुर मेें ईटी प्लांट एनएचएम मद से 30 लाख की लागत से निर्माण करवाया गया है। स्वीकृति वर्ष 2018-19 में हुई थी, इसका निर्माण समय पर पूर्ण नहीं हो सका, दो वर्ष बाद इसका निर्माण सम्पन्न हुआ, अब तक प्लांट की शुरूआत नहीं हुई है, यहां लगाई गई मशीनें धूल खा रही हंै तो बनाए गए टैंकों में कचरा जमा हो रहा है।
इस प्लांट के माध्यम से अस्पताल के दूषित जल को शोधन किया जाएगा, इसके लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। प्लांट बनकर तैयार हो जाने के बाद भी इसकी उपयोगिता शुरू नहीं हो पायी है। इसके लिए दो टंकी में बरसात का पानी तल में कुछ उपर तक भरा हुआ है जिसमें पेड़ के पत्ते गिरकर सड़ रहे हैं। जिस उद्देश्य को लेकर विभाग द्वारा लाखों खर्च कर प्लांट स्थापित किया है, उसका उपयोग सुनिश्चित किया जाये ताकि उपलब्ध सुविधा का लाभ लिया जा सके। इसके लिए तत्काल ही पहल करने की जरूरत है अन्यथा लाखों खर्च क बावजूद प्लांट बेकार पड़ा रहेगा।
क्या ईटीपी प्लांट
ये एक अपशिष्ट उपचार प्लांट होता है , इस प्लांट के माध्यम से अपशिष्ट पानी और बेकार पानी को शोधन कर के पानी को पुन: उपयोग किया जा सकता है या साफ सफाई या गार्डनिंग के काम में आसानी से उपयोग किया जा सकता है। ज्यादातर यह किसी कंपनी का फैक्ट्री के दूषित जल को शुद्ध करने की प्रक्रिया होती है इसके लिए अलग अलग प्रोसेस का प्रयोग कर जाता है।
इसमें दूषित जल उपचार संयंत्र दूषित जल की प्रकृति के अनुसार विभिन्न औद्योगिक इकाइयों द्वारा बनाए जाते हैं। आम तौर पर दूषित जल उपचार संयंत्रों में संतुलन टैंक, न्यूट्रलाइजेशन टैंक, भौतिक रासायनिक उपचार टैंक, निस्पंदन टैंक, सेटलिंग टैंक, सौर वाष्पीकरण टैंक व लैगून आदि शामिल हैं।