कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 12 दिसंबर। शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी में अन्तराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग तथा विधिक साक्षरता प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में मानव अधिकार- मानव मूल्यों के पोषक विषय पर विशेष व्याख्यान और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया।
इसमें मुख्य वक्ता के रूप में व्यवहार न्यायालय चिरमिरी के व्यवहार न्यायाधीश वर्ग- एक देवेन्द्र साहू तथा मनोज कुशवाहा ने छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। व्यवहार न्यायाधीश मानोज कुशवाहा ने मानव अधिकारों व मानव अधिकार आयोग के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक सभ्य समाज के लिए मानव अधिकारों का होना आवश्यक है।
समाज की प्रगति के लिए भी मानव अधिकारों का सुरक्षित होना जरुरी है। देवेन्द्र साहू ने स्वयं हेतु मानव अधिकारों की रक्षा तथा किसी अन्य के मानव अधिकारों के हनन करने से बचने के उपाय बेहद आसान शब्दों में बताए। उन्होंने साइबर क्राइम, आत्महत्या, टोनही निवारण अधिनियम जैसे गंभीर मुद्दों पर स्पष्ट व सारगर्भित जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अपराध करने वाला जितना दोषी होता है उतना ही दोषी अपराधी को संरक्षण देने वाला भी होता है। इस दौरान उन्होंने छात्र- छात्राओं के सवालों के जवाब देकर उनकी शंकाओं का समाधान भी किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.राम किंकर पांडेय ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानवाधिकारों का सार्वलौकिक घोषणा पत्र जारी करना विश्व मानवता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रहा है।
कार्यक्रम में मंच संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के उमाशंकर मिश्रा ने किया तथा अंग्रेजी विभाग से सहायक प्राध्यापक चंदन सोनी ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अध्यापकों सहित छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।