कोरिया

15 को रहेंगे सामूहिक अवकाश पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता,
मनेन्द्रगढ़, 11 फरवरी। कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को मौत के मुंह से बचाने वाले जिन कर्मियों को भगवान का दर्जा दिया गया था, स्वास्थ्य विभाग के वहीं कर्मचारी अब अपनी जायज मांगों के पूरा नहीं होने से आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।
विगत दो दशकों से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी वेतन विसंगति, नियमितीकरण, जोखिम भत्ता, मोबाइल भत्ता, स्टाफ नर्सों को 3-4 अग्रिम वेतन वृद्धि, सप्ताह भर चौबीसों घंटे काम करने के कारण पुलिस विभाग की तरह 13 महीने का वेतन, कर्मचारियों का 5 लाख का बीमा, कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा, चार स्तरीय पदोन्नति, वेतनमान ड्रेसरों को समयमान का लाभ, पदनाम परिवर्तित कर केंद्रीय कर्मचारियों का पदनाम व केंद्रीय स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन के समान वेतन तथा अन्य कई मांगों पर शासन-प्रशासन से पत्राचार व समय-समय पर विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सभी स्वास्थ्य कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करने का वायदा किया था। कोरोना महामारी में नि:स्वार्थ सेवा करने के बाद भी मांग पूरी नहीं की गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारी आक्रोशित हैं।
कम वेतन प्राप्त होने पर स्वयं को आर्थिक रूप से ठगा महसूस कर रहे हैं। प्र्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री आरडी दीवान, जिलाध्यक्ष अरूण ताम्रकार, ब्लाक अध्यक्ष प्रवीण सिंह, जिलाध्यक्ष आयुष मुकेश गहरवार ने संयुक्त वार्ता में कहा कि उपरोक्त मांगों के समर्थन में छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले पूरे छत्तीसगढ़ के उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक अस्पताल, जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेजों में आगामी 15 फरवरी को सामूहिक ऐच्छिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।