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क्या दुबारा लडक़र हारने के मिथक को तोड़ पाएंगे कमरो, या नए चेहरे को मिलेगी जीत
22-Oct-2023 4:06 PM
क्या दुबारा लडक़र हारने के मिथक को तोड़  पाएंगे कमरो, या नए चेहरे को मिलेगी जीत

चंद्रकांत पारगीर

बैकुंठपुर, 22 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली विधानसभा सीट भरतपुर सोनहत में परिसीमन के बाद बेहद दिलचस्प मुकाबले हुए हंै, परन्तु यह एक मिथक बनकर रह गया है, कि एक बार इस विधानसभा से विजयी होने के बाद दुबारा यहां से आज तक कोई जीत नहीं पाया है। यहां यह भी देखा गया है कि नए चेहरा यहां के मतदाताओं को ज्यादा भाता है। ऐसा पूर्व विधायक गुलाब सिंह के साथ और चंपा देवी पावले के साथ हो चुका है, वहीं वर्तमान विधायक गुलाब कमरो दूसरी बार मैदान में है देखना है यह मिथक वो तोड़ पाते है या नहीं।

चुनाव रणभेरी बज चुकी है, राज्य की पहली विधानसभा सीट भरतपुर सोनहत में भाजपा ने केन्दीय मंत्री रेणुका सिंह को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने वर्तमान विधायक गुलाब कमरो को दुबारा इस सीठ से अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों प्रचार में निकल चुके है, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दुबारा श्याम सिंह मरकाम को भी टिकट दिया है। कांग्रेस भाजपा के बीच जुबानी जंग भी जारी है। परन्तु अब तक इस सीट पर दुबारा लडऩे वाले को सत्ता करने का दुबारा मौका नहीं मिला है।

 दूसरी बार भाग्य आजमा रहे गुलाब सिंह को मिली शिकस्त

परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में नई सीट भरतपुर सोनहत विधानसभा (आरक्षित) का उदय हुआ, इसके पूर्व अविभाजित कोरिया जिले में दो विधानसभा बैकुंठपुर और मनेन्द्रगढ़ विधानसभा सीट हुआ करती थी, वर्ष 2003 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता गुलाब सिंह ने जीत दर्ज की थी, और परिसीमन के बाद उन्हें भरतपुर सोनहत में कांग्रेस ने दुबारा प्रत्याशी बनाया, वहीं भाजपा के खाद्य विभाग से रिटायर होकर राजनीति में आए फूलचंद सिंह को मैदान में उतारा। जिसमें भाजपा के फूलचंद सिंह को 35443 मत मिले जबकि कांग्रेस के गुलाब सिंह को 28145 मत मिले और कांग्रेस को हार का सामना  करना पड़ा।

भाजपा के नए चेहरे को मिली जीत

वर्ष 2013 में भाजपा के सीटिग एमएलए फूलचंद सिंह को स्वास्थ्यगत कारणों से टिकट नहीं दिया और तत्कालिन जिला पंचायत अध्यक्ष चंपा देवी पावले को भरतपुर सोनहत से टिकट दिया, दूसरी ओर कांग्रेस ने भी नए चेहरे पर दांव खेला और गुलाब कमरो को मैदान में उतारा। जिसमें भाजपा की चंपा देवी पावले को 42968 मत मिले और कांग्रेस के गुलाब कमरो को 38360 मत मिले, इस चुनाव में भाजपा का नया चेहरा जीत दिलाने में मददगार साबित हुआ। इस चुनाव में भाजपा की महिलाओं के नाम राशन कार्ड प्रमुख मुद्दा था, जिससे  भाजपा को फायदा देखा गया।

दुबारा टिकट मिला और हार गई चंपा देवी पावले

वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा की ओर से सीटिग एमएलए चंपा देवी पावले को मैदान में उतारा और कांग्रेस ने फिर से 2013 के हारे उम्मीदवार गुलाब कमरों पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया, जिसमें कांग्रेस के गुलाब कमरो को 51732 मत मिले और भाजपा की चंपा देवी पावले को दुसरी बार इस विधानसभा पर भाग्य आजमाने पर 32199 मत मिले और उन्हे हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के श्याम सिंह मरकाम को 26632 मत मिले थे।

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