कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 2 नवंबर। ‘छत्तीसगढ़’ की खबर की पुष्टि हुई है। गत 27 अक्टूबर को बाघ ने गाय को मारा और उसे खा रहा था कि उसका मालिक सामने आ गया, बाघ ने गाय के मालिक पर हमला किया। ग्रामीण ने भागकर जान बचाई। जिसके बाद वन विभाग बाघ होने की पुष्टि करने में जुट गया और अब तस्वीरें आई है जिससे साफ हो गया कि हमले बाघ ने ही किया था।
इस संबंध में कोरिया वन मंडल के एसडीओ अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बाघ के हमले की सूचना पर जिस स्थान पर बाघ ने हमला किया, उसके आसपास ट्रैप कैमरे लगाए गए, पग मार्क भी लिए गए। बाघ जहां अपना शिकार करता है, लौट कर आता है। जब वो आया तो ट्रैप कैमरे में कैद हो गया। इस से स्पष्ट हो गया कि बाघ ने ही हमला किया था। विभाग ने लोगों को सचेत रहने के लिए कहा गया है।
ज्ञात हो कि कचोहर का यह क्षेत्र गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान से लगा हुआ है। यही कारण है बाघों की आवाजाही लगी रहती है। बाघ के हमले के बाद यहां के निवासियों को सजग रहने की जरूरत है।
क्या था मामला
घटना 27 अक्टूबर दोपहर 4 30 बजे की है। कोरिया वन मंडल के देवगढ़ रेंज में उत्तर कचोहर के कम्पार्टमेंट आरएफ 329 में ग्राम कचोहर निवासी सनेश लाल पिता देवलाल चेरवा अपने मवेशियों को चरा कर लौट रहा था, उसकी एक गाय नजर नहीं आई, उसे ढूंढने अपने साथी के साथ जंगल की ओर गया, तो देखा कि उसकी गाय को आधे से ज्यादा बाघ के द्वारा खाया जा चुका है, उसे देख बाघ ने उस पर हमला कर दिया।
बाघ का पंजा सनेश लाल के दाएं हाथ में घुस गया, दोनों जान बचाकर भागे। घटना की सूचना स्थानीय बीट गार्ड को हुई उसने फौरन अधिकारियों को बताया। घायल को लेकर सोनहत स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया, जहां उसका उपचार जारी है। विभाग ने जंगली जानवर के हमले में घायल होने पर सहायता राशि प्रदान की थी।
बाघ के साथ लकड़बग्घा भी कैमरे में कैद
वन विभाग ने घटना स्थल पर कई ट्रैप कैमरे लगाए थे, जिसमे बाघ के कई पोज सामने आए, बाघ सुबह के समय और रात के समय कैमरे में कैद हुआ, साथ ही उस स्थान पर अपना भोजन करते हुए भी दिखा, इसके अलावा बाघ के साथ लकड़बग्घा भी कैमरे में कैद हुआ।