कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 4 नवंबर। भरतपुर में बीते कांग्रेस की सरकार में 5 वर्षो से अवैध रेत का अवैध कारोबार जमकर फलाफूला, यहां न सिर्फ एक तरफ बल्कि जनकपुर के चारों ओर से रेत का अवैध कारोबार को लेकर ग्रामीणों की नाराजगी किसी ने छिपी नहीं है। जो अब चुनावी मुद्दा बनकर उभर चुका है, वहीं रेत माफियाओं की गुंडागर्दी भी अब सामने आने लगी है, जमीन का किराया मांगने पर अब रेत माफिया गोली से मारने की धमकी दे रहे हैं।
दरअसल, भरतपुर सोनहत विधानसभा के भरतपुर मे चाहे वो कोटाडोल का क्षेत्र हो,, मांड़ीसरई हो या कंजिया का क्षेत्र चारों ओर से अवैध रेत उत्खनन और उसे मप्र यूपी में बेचने का काम जोरों पर रहा है। माड़ी सरई क्षेत्र में हरचोका गांव से होकर बहने वाली मवई नदी से अवैध उत्खनन को लेकर कई बार ग्रामीणों ने आंदोलन प्रदर्शन के साथ 10 दिन तक धरना भी दिया, परन्तु रेत माफिया की राजनीतिक सांठगांठ के आगे किसी की नहीं चली। मवई नदी और मुख्य मार्ग तक रेत लाने के लिए रेत माफियाओं ने जमीन मालिको से स्टांप पेपर में एग्रीमेट किया, कि उसका वो किराय देंगे और अब वो मुकर गए।
गोली मारने की धमकी
हरचोका निवासी रोशन पांडेय, सदीप पांडेय, मनीष पांडेय के खसरा नंबर 334/1, 334/2, 341 और संजय पांडेय, अजय पांडेय, विजय पांडेय की स्वामित्व वाली भूमि से रेत माफिया सतीश सिंह बघेल निवासी सीधी मप्र नेे 50 रु. के स्टांप पर एग्रीमेंट किया, जिसमें प्रत्येक हिस्सेदार को 20 हजार प्रतिमाह भूमि का किराया देने का करार हुआ।
यह करार मवई नदी से सडक़ पर रेत को लाने के बीच में पडऩे वाली भूमि के किराए को लेकर किया गया था, परन्तु जब रेत का परिवहन बंद हो गया ओर काफी मात्रा में रेत निकाल ली गई, तो किराया देने से रेत माफिया ने साफ इंकार कर दिया, जमीन मालिक संजय और मनीष पांडेय का कहना है हमारा किराया दे नहीं रहे है रेत माफिया का कहना है पैसा नही देंगें जहां जाना है जाओ, ज्यादा बोलोगे तो गोली मार दूंगा।
बना बड़ा चुनावी मुद्दा
भरतपुर में रेत का अवैध कारोबार जारी विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बना हुआ है, जो कांग्रेस के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है। इस मुद्दे को भाजपा, गोडवाना गणतंत्र पार्टी, आम आदमी पार्टी भुना रही है, कांग्रेस इस मुद्दे पर बैकफूट पर है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने बीते 5 साल विरोध भी किया, भाजपा के कार्यकाल में वर्तमान विधायक गुलाब कमरो अवैध रेत उत्खनन को लेकर काफी विरोध करते देखे जाते रहे।
इस मुद्दे को उन्होंने जमकर भुनाया और उसका लाभ भी उन्हें मिला और भाजपा का बड़े अंतर से 2018 के विधानसभा चुनाव में हराया, परन्तु अब बात उल्ट चुकी है, जिस मुद्दे पर विधायक विरोध करते थे, अब वो विपक्षियों के साथ आमजन के लिए चुनावी मुद्दा बन चुका है। ग्रामीण खुल कर इस पर कांग्रेस से जवाब मांग रहे है। जिसका जवाब कांग्रेस के पास नहीं है।