कोरिया

दुबारा जीतने का मिथक नहीं तोड़ पाए कमरो, रेणुका की जीत पर गजब का उत्साह
06-Dec-2023 7:41 PM
दुबारा जीतने का मिथक नहीं तोड़ पाए कमरो, रेणुका की जीत पर गजब का उत्साह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बैकुंठपुर (कोरिया), 6 दिसंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की पहली विधानसभा भरतपुर सोनहत से केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह की जीत पर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है, वहीं भरतपुर सोनहत सीट पर दुबारा जीत का मिथक गुलाब कमरो नहीं तोड़ पाए। यहां यह मिथक है कि एक बार चुनाव जीतने के बाद आज तक कोई दुबारा नहीं जीता है। इसके अलावा यहां एक और भी मिथक है कि जिसने भी हसदेव उद्गम पर निर्माण काम करवाया, वो अब तक हारा ही है।

3 दिसंबर को आए परिणाम के बाद भाजपा की केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह की जीत से सोनहत समेत पूरे विधानसभा क्षेत्र में भारी खुशी और उत्साह देखा जा रहा है।

बात बीते 5 साल के कांग्रेस के गुलाब कमरों की कार्यकाल की करें तो विकास के दावे को लेकर रहा। उन्होंने यह बताया कि उनके द्वारा 13 सौ करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य लाए गए, परन्तु धरातल पर वैसा नहीं देखा गया। खुद की आलोचना सुनना विधायक गुलाब कमरो को बिल्कुल पसंद नहीं था।

उनके खिलाफ मीडिया और सोशल मीडिया में आलोचना पर उनके समर्थक काफी उग्र हो जाया करते और कैसे भी सही ठहराने के लिए पूरा जोर लगा दिया करते, ज्यादा लोग जिला विभाजन के बाद विधायक को भरतपुर से ज्यादा मनेन्द्रगढ़ का विधायक बोलने लगे थे।

एमसीबी जिले के निर्माण के समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधायक गुलाब कमरो की तारीफ करते करते हुए उन्हें इतिहास पुरूष कह डाला था और उनका यह वाक्य ने अब उन्हें इतिहास पुरूष बना डाला है। एमसीबी जिले के निर्माण के समय विधायक के बड़े तल्ख तेवर देखे गए, इस भय से भरतपुर के लोगों ने ज्यादा विरोध नहीं किया, 100 किमी दूर भरतपुर को नए जिले का रत्ती भर भी फायदा नहीं हुआ और न चिरमिरी और खडग़वां को, जिसकी नाराजगी विधानसभा चुनाव में देखी गई और इससे कांग्रेस को दोनों सीट गंवाना पड़ी।

प्रतिनिधियों ने डुबाई लुटिया

भरतपुर सोनहत विधानसभा में विधायक के प्रतिनिधियों की तूती बोलती थी, प्रतिनिधियों के क्षेत्रों में विधायक को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, प्रतिनिधियों से बिना पूछे किसी का काम नहीं होता था, इन प्रतिनिधियों उनके क्षेत्र जनाधार नहीं था, उनकी छवि का नुकसान विधायक को हुआ।

राजीव गांधी मितान को लेकर प्रतिनिधियों ने बड़े बड़े ख्वाब दिखा रखे थे, सिर्फ युवाओं पर चुनाव जीताने का भरोसा था, जबकि महिला बुजुर्गों के साथ 40 प्लस लोगों के साथ की काफी कमी देखी गयी। चुनाव में प्रतिनिधियों पर विधायक के भरोसे ने चुनाव हरा दिया। बीते 5 वर्ष सोशल मीडिया में विकास की सूची डालकर अपने काम को बताया जाता रहा है, परन्तु वैसा काम मैदान पर देखा नहीं गया। प्रतिनिधि सोशल मीडिया विधायक की हर गतिविधियों का बखान किया करते थे। 

गुंडागर्दी, अवैध रेत उत्खनन

भरतपुर क्षेत्र में बालंद समाज के सचिव की आत्महत्या के बाद से माहौल काफी बिगड़ गया, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष का नाम सुसाइड नोट में मिला, परन्तु विधायक का साथ पीडि़त को ना मिलकर आरोपी को मिला, लोगों में काफी नाराजगी देखी गयी। जिसके बाद मारपीट की घटनाएं सामने आने लगी, कई लोगों की पिटाई हुई एक की मौत भी हो गयी, परन्तु जनता की सुनवाई ना होकर आरोपियों को प्रश्रय मिलता गया।

दूसरी ओर पूरे 5 वर्ष रेत माफियाओं का राज रहा, जनकपुर के हर क्षेत्र से जबरदस्त अवैध रेत उत्खनन हुआ, और इसका विरोध करने वाले ग्रामीणों पर अपराध दर्ज हुआ, रेत माफिया ग्रामीणों को आपस में लड़ा कर फायदा उठाते रहे। परन्तु भजपा के कार्यकाल में अवैध रेत का विरोध करने वाले विधायक अपने कार्यकाल में चुप्पी साधे रहे।

हसदेव उद्गम में काम करवाया,वो हारा

भरतपुर सोनहत विधानसभा में एक बार जीतने के बाद दूसरी बार यहां कोई विधायक नहीं चुना जा सका है, हारने वाले के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो जाते है। इस मिथक को गुलाब कमरो नहीं तोड़ पाए और चुनाव हार गए, इसी तरह सोनहत हसदेव उद्गम को लेकर भी एक मिथक है यहां जो भी निर्माण कार्य करवाता है चुनाव हार जाता है।

 पहले पूर्व सांसद डॉ. चरणदास महंत ने यहां स्थित शिवमंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था, वो सांसद का चुनाव हार गए थे, उसके बाद पूर्व विधायक चंपा देवी पावले ने भी निर्माण कार्य करवाया, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद बीते 5 वर्ष पर्यटन की संभावनाओं को लेकर यहां विधायक गुलाब कमरो ने काम करवाया और उन्हें भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news