कोरिया

जमीन खरीदी-बिक्री धोखाधड़ी
12-Jan-2021 3:02 PM
जमीन खरीदी-बिक्री धोखाधड़ी

निगम कमिश्नर का बयान दर्ज 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 12 जनवरी।
धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार रिटायर्ड अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रकरण को संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान रायगढ़ नगर निगम के आयुक्त आशुतोष पांडेय मंगलवार को कोरिया पहुंचे, और पुलिस से संपर्क कर मामले में अपना बयान दर्ज कराया। 

इस सिलसिले में रायगढ़ कमिश्नर आशुतोष पांडेय ने कहा कि वो आदिवासी महिला की भूमि की खरीदी बिक्री मामले में बयान देने आए हैं, इसके अलावा उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वहीं जांच अधिकारी उप पुलिस अधीक्षक धीरेन्द्र पटेल का कहना है कि रायगढ़ कमिश्नर ने स्वयं मामले को संज्ञान लेकर बयान दर्ज कराया है, कार्रवाई आगे जारी है।

मंगलवार को राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ के अध्यक्ष, तत्कालीन एसडीएम बैकुंठपुर और वर्तमान में रायगढ़ कमिश्नर आशुतोष पांडेय कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर पहुंचे। श्री पांडे ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। चूंकि श्री पांडेय तत्कालीन अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा के कार्यकाल के दौरान बैकुंठपुर एसडीएम के पद पर पदस्थ थे, और तत्कालीन अपर कलेक्टर के गिरफ्तारी की खबर के बाद उन्होंने मामले को स्वयं संज्ञान लिया और मामले में बयान दर्ज कराया। सूत्रों की माने तो कमिश्नर रायगढ़ के बयान के मामले की जांच नई दिशा में बढऩे के आसार बढ़ गए हंै।

ट्रासंफर के बाद हुए उनके हस्ताक्षर
आदिवासी की भूमि के खरीदी-बिक्री मामले में रायगढ़ कमिश्नर के कोरिया आने से मामले में नया मोड़ आ गया है। सूत्रों की माने तो पुलिस के द्वारा खंगाले गए दस्तावेजों में तत्कालीन अपर कलेक्टर ने भूमि की अभिमत की फाइल जब एसडीएम और तहसीलदार के पास भेजी, तब एसडीएम को किनारे करते हुए सीधे तहसीलदार से अभिमत लिया था, परन्तु जब फाइल की वापसी हुई, उसमें एसडीएम की अभिमत अलग से फाइल में नस्तीबद्ध मिली। सूत्र बताते हंै कि तत्कालीन एसडीएम श्री पांडेय के हस्ताक्षर उसमें फर्जी पाए गए हंै। जिस दिन श्री पांडेय का स्थानांतरण कोरिया से हुआ, उसके ठीक एक दिन बाद की तारीख में उक्त हस्तााक्षर और अभिमत जारी की गई।

नहीं होता अधिकार का हस्तांतरण
बैकुुठपुर के रामपुर की आदिवासी महिला की भूमि को गैर आदिवासी के नाम खरीदी बिक्री अनुमति के मामले में कई पेंच सामने आने लगे है। जनजातियों की भूमि की खरीदी बिक्री में कानून में स्पष्ट प्रावधान है कि भूमि खरीदी बिक्री का अधिकार कलेक्टर किसी को भी हस्तांतरित नहीं कर सकता। यही कारण है कि मामले में पुलिस हर कदम फूंक-फूंक कर उठा रही है, जबकि राजस्व अधिकारी कई और शहरों में अपर कलेक्टर पर हुई कार्रवाई का विरोध कर रहे हंै।

 

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