कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर 19 मई। दशहरी, लंगडा, आम्रपाली, कजली के साथ आमों की कई वैरायटी की बंपर फसल कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में देखी जा सकती है,
रखरखाव में लगे सेवादार डॉ. भीम का कहना है कि बीते वर्ष आम की फसल कोई खास नही हुई थी, इस वर्ष भी 3 से 4 बार आंधी तूफान से आमों को हल्का नुकसान हुआ है। फिर भी आम की पैदावार बढिया हुई है, 3 से 4 दिन बाद आम और तेजी से पकने लगेंगे। हमारे यहां पेड़ पर पके आम ही विक्रय किये जाते है। रसायन का उपयोग न के बराबर होता है।
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से लगे डेरा सच्चा सौदा आश्रम में विभिन्न प्रकार के फलदार बगीचे के लिए भी क्षेत्र में प्रसिद्ध है। यहां सेवादारों के द्वारा विभिन्न तरह के फलदार पौधों का रोपण किया गया है। जिनमें से ऐसे पेड़ पौधे भी लगाये गये है और उनमें फल लद गये हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि उसके लिए यहां का मौसम अनुकुल नहीं है। जानकारी के अनुसार डेरा सच्चा सौदा आश्रम में करीब एक हजार पेड़ सिर्फ आम के है। इसमे अलावा विभिन्न तरह के फूलों के अलावा फल के पेड़ पौधे सबसे ज्यादा है। माना जाता है कि सेव के लिए क्षेत्र का मौसम अनुकूल नहीं है। लेकिन यहां पर सेव की एक विशेष किश्म लगायी गयी है जिसमें फल लदे हुए है फले सेब का स्वाद भी काफी मीठा है। विपरीत मौसम के बावजूद यहां उचित देखभाल व वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करते हुए सेब के पेड़ तैयार हुए है जिनमें सब लदे हुए है। जिसे देखने के लिए भी दूर दूर से लोग यहॉ पहुंचते हंै। इसके अलावा अनार, संतरा, लीची, चीकू, अमरूद कटहल, सहित अनेक तरह के फल व फूल लगाये गये हैं। सबसे खास बात तो यह है कि सभी फल के पौधे उन्नत किस्म के है। अमरूद का आकार भी बड़े-बड़े साईज के हैं।
मीठे आम के दर्जनों वैरायटी
डेरा सच्चा सौदा आश्रम परिसर में मीठे आम के दर्जनों वैराटियां लगायी गयी है। दशहरी आम की मांग यहां सबसे ज्यादा होती है। आम तौर से बड़े साईज के दशहरी अपनी मिठास के लिए लोगों के लिए पसंदीदा आम बना हुआ है। इन दिनों यहां लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली, करली सहित अनेक प्रकार के आम के वैरायटी प्रतिदिन तोड़े जा रहे हैं। कार्बाईड से पकाने के नाम को नकारते है। बहरहाल, मीठे आम के लिए इन दिनों जिला मुख्यालय के अलावा दूर दूर के लोग आश्रम में आम की खरीदी करने के लिए पहुंच रहे हैं। रास्ते से गुजरने वाले लोग जिन्हे इसके बारे में पता है बिना आम लिये इन दिनों आगे नहीं जाते। यही कारण है कि इन दिनों भारी मात्रा में आम का विक्रय आश्रम में किया जा रहा है।