कोरिया
पीसीसीएफ पहुंचे कोरिया, टाइगर रिजर्व की प्रगति पर अफसरों से चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 13 जून। राज्य के वन विभाग के पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) पीवी नरसिंहा राव कोरिया पहुंचे। उन्होंने गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर स्थित कार्यालय में टाइगर रिजर्व की प्रगति को लेकर संचालक के साथ अधिकारियों से चर्चा की। उनके साथ वाइल्ड लाइफ के सीसीएफ मौजूद रहे।कोरिया पहुंचे पीसीसीएफ (वन्य प्राणी ) पीवी नरसिंहा राव ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए बताया कि राज्य का क्षेत्रफल में सबसे बड़ा पार्क गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान आने वाले समय में काफी बदला हुआ होगा, यह पर्यटन का बड़ा केन्द्र के रूप में सामने आएगा। पार्क में लगा लैटाना किसी और पौधों को बढऩे नहीं देता है, इसलिए योजना बनाकर उसे पार्क से हटाया गया है। ज्यादा शाकाहरी वन्य जीवों को आकर्षित करने यहां तरह तरह के घास को लगाए जाने की तैयारी की जा रही है, ताकि शाकाहरी वन्यजीवों के संख्या में बढ़ोतरी हो सके और टाइगर की संख्या यहां बढ़ाया जा सके।
उन्होंने बताया कि फिलहाल पांच टाइगर यहां निवासरत है, जिन पर विभाग पूरी नजर बनाए हुए है। पार्क क्षेत्र में कई बारहमासी नदियों के अलावा कई प्राकृतिक नाले होने के बाद में भी तालाब बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बेहिसाब तालाब नहीं बनाए जा रहे है, प्लांनिंग के साथ काम हो रहा है, जहां तालाब की जरूरत है, वहीं तालाब बनाए जा रहे हैं। हाथी दांत के मामले में उन्होंने बताया कि दो आरोपियों को विभाग ने अपने कब्जे में लिया है, कार्रवाई जारी है।
बहुत जल्द घोषित होगा टाइगर रिजर्व
राज्य सरकार द्वारा टाईगर रिजर्व बनाने को लेकर रूपरेखा पूरी कर ली गई है। अब इसमें कोरिया वनमंडल के साथ साथ सुरजपुर वनंडल, तमोर पिंगला का भी कुछ क्षेत्र शामिल किया गया है, इसके नोटिफिकेशन को लेकर हमारी तरफ से पूरा काम हो रहा है, 30 जून तक लगभग इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर टाइगर रिजर्व की घोषणा करेगी। पार्क के नोटिफिकेशन के कार्य में सभी वन मंडलों ने पूरा सहयोग दिया है। टाइगर रिजर्व घोषित होने से दुनिया के नक्शें में कोरिया का नाम होगा।
100 से 150 हिरन महिने भर में
गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पूर्व में बायसन लाने की तैयारी की गई थी, परन्तु टाइगर के आने और फिर बाद में उनकी जनसंख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया था, परन्तु अब और टाइगर को इस ओर आकर्षित करने उनके भोजन की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए अब 100 से 150 हिरण लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) पीवी नरसिंहा राव और पार्क डायॅरेक्टर ने बताया कि रायपुर और अचानकमार से हिरण को गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में शिफ्ट करने की प्रक्रिया पर काम जारी है, महिने से डेढ़ महिने में यहां उन्हें लाकर छोड़ा जाएगा।