कोरिया
छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 4 जुलाई। पुरातन काल से ही ज्ञान पर कायस्थ समाज का एकाधिकार था। राजा के सलाहकार या मंत्री ज्यादातर कायस्थ हुआ करते थे। समय के बदलाव में जब जमीन संपत्ति का आर्थिक आधार बनी, उस समय राजस्व में पूरे देश में पटवारी का कार्य कायस्थ ही देखते थे। वर्तमान समय में कायस्थ समाज पीछे क्यों जा रहा है, इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। समाज की दिशा बदलने एकता और संगठन की जरूरत है।
उक्त बातें अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के कोरिया सम्मेलन में कार्यकारी प्रांताध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने समाज के सदस्यों को व्यवसाय के क्षेत्र में भी आगे आने की सलाह दी एवं समाज के व्यवसायियों को सम्मान देने की बात कही। अपने समाज का आज राजनीति में भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
जनपद सभाकक्ष मनेंद्रगढ़ में आयोजित भारतीय कायस्थ महासभा कोरिया जिले के सम्मेलन में अध्यक्ष सत्येंद्र सिन्हा ने संगठन की एकता को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि कायस्थ परिवार का हर सदस्य हमारे संगठन से जरूर जुड़े लोगों की भावनाओं के अनुरूप उन्होंने एकता के प्रतीक मंच भगवान चित्रगुप्त मंदिर के शीघ्र निर्माण का विश्वास दिलाया।
उन्होंने कहा कि यदि ईश्वर की कृपा बनी रही तब हम इस वर्ष सामूहिक चित्रगुप्त पूजा अपने मंदिर में करेंगे। मंदिर हेतु दान के लिए उन्होंने कहा कि दान को सीमाओं में बांधना उसके महत्व को कम करना है, इसलिए मंदिर निर्माण में आपका एक रुपए का सहयोग भी हमेशा याद किया जाएगा।
कोरिया कायस्थ समाज संरक्षक लखन लाल श्रीवास्तव ने कहा कि समाज के हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी होनी चाहिए।
कार्यक्रम में वीरेंद्र श्रीवास्तव, सुरेश श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव एवं युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने संगठन को मजबूत करने पर अपने विचार व्यक्त किए किए। मंच पर जेपी श्रीवास्तव द्वारा बुजुर्ग सदस्यों का शाल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया एवं संगठन के विकास में उनके अब तक के सहयोग को सराहा गया।
सम्मेलन में आरके श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, विवेक सिन्हा, अभिषेक सिन्हा, संजय श्रीवास्तव, संतोष सिन्हा, बबलू दास, सपन सिन्हा, अमित श्रीवास्तव, रितेश श्रीवास्तव के अलावा भारी संख्या में चित्रांश बंधु उपस्थित रहे।