कोरिया
छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 5 जुलाई। शहर में एक हंसता-खेलता परिवार मेहनत के दम पर अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहा था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में आने से मुखिया की असमय मौत से परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार का दर्द बांटने के लिए समाजसेवी संस्था प्रबल स्त्री फाउंडेशन ने आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाया है।
मनेंद्रगढ़ के मनी मोहल्ला में निवासरत संध्या सिंह जिनके पति की कोरोना के कारण मृत्यु हो चुकी है, स्वयं भी कोरोना पीडि़त थीं और उन्हें ग्लुकोमा की बीमारी है जिसके कारण उन्हें आंखों से 80 फीसदी कम दिखाई देता है, वहीं उनके 2 मासूम बच्चों में बड़ा बेटा जो दिव्यांग है और वह बोल नहीं पाता है, जबकि छोटी बेटी प्रियांशी कक्षा 7वीं में पढ़ रही है। फिलहाल मासूम बेटी ही घर का सारा काम करते हुए दिव्यांग भाई और माँ का सहारा बनकर उनकी सेवा में जुटी हुई है। कुछ माह पूर्व मुखिया पर ही घर की आर्थिक जिम्मेदारी थी, लेकिन जब वो नहीं रहे तो परिवार पर आर्थिक संकट छा गया। परिवार दाने-दाने को मोहताज है।
समाज सेवी संस्था प्रबल स्त्री फाउंडेशन को जानकारी होने पर संस्था अध्यक्ष डॉ. रश्मि सोनकर, शीला सिंह, प्रतिमा प्रसाद, प्रियंका राय, हीरा सिंह और अनामिका चक्रबर्ती सहित अन्य सदस्यों ने संध्या सिंह के घर जाकर उनसे मुलाकात की और वीर सोनकर, रचना दुबे, परमानंद माली, अनामिका चक्रबर्ती, यशोदा सोनकर, वसुधा मिश्रा, जवाबर सोनकर एवं अन्य जनों के सहयोग से अपने स्तर पर 11 हजार 100 रूपए की सहयोग राशि सौंपकर परिवार का दु:ख बांटा। अपील पर चेतना महिला संगठन झगराखंड ने भी परिवार की मदद की। संस्था सदस्यों ने अन्य समाजसेवी संस्थाओं एवं लोगों से मानवीयता का परिचय देते हुए परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाने का आग्रह किया है।