कोरिया
पार्षद ने की एसडीएम से कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 6 जुलाई। शहर में जिओ कंपनी के द्वारा नपा प्रशासन से ली गई एनओसी की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी अच्छी-खासी सडक़ों में केबल बिछाने के लिए गड्ढे खोदकर उन्हें लंबे समय तक खुला छोड़ा जा रहा है। जिसमें मवेशी गिरकर घायल हो रहे हैं, आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इस मामले में पार्षद ने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
मनेंद्रगढ़ शहर के विभिन्न मार्गों में जिओ कंपनी के द्वारा माइक्रोट्रेचिंग पद्धति का उपयोग कर ऑप्टिकल फाइवर केबल डालने के लिए जगह-जगह गड्ढा खुदाई का कार्य किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिओ कंपनी द्वारा मनेंद्रगढ़ नपा से 22 फरवरी 2019 को शहर के विभिन्न स्थानों पीडब्ल्यूडी चौक, आमाखेरवा, सीएसईबी, विवेकानंद कॉलेज, खेडिय़ा टॉकीज, अटल चौक, रेलवे कॉलोनी, बस स्टैंड एवं गांधी चौक कुल 14.5 किलोमीटर मार्ग की अनापत्ति (एनओसी) ली गई थी। वहीं 29 अक्टूबर 2020 को पुन: नपा क्षेत्र बस स्टैंड चौक से बोहरा मस्जिद वार्ड क्र. 15 से टावर तक 600 मीटर तथा बस स्टैंड चौक से रपटा होकर महेंद्र एजेंसी मेन रोड 1 किलोमीटर कुल 1.600 किलोमीटर की एनओसी ली गई है, लेकिन यहां कंपनी द्वारा 2019 में ली गई एनओसी के हिसाब से ही नियमों को ताक पर रखकर शहर के विभिन्न मार्गों में केबल बिछाने के लिए गड्ढा खुदाई का कार्य कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
एसडीएम से कार्रवाई की मांग
नपा मनेंद्रगढ़ वार्ड क्र. 7 के पार्षद श्यामसुंदर पोद्दार ने एसडीएम मनेंद्रगढ़ को शिकायती पत्र सौंपकर शहर के विभिन्न स्थानों पर जिओ कंपनी के द्वारा केबल बिछाने हेतु अनापत्ति अवधि समाप्ति उपरांत भी गड्ढा खोदे जाने पर रोक लगाए जाने एवं नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पार्षद ने कहा कि नियमानुसार एनओसी 1 वर्ष के लिए प्रदाय की जाती है। एक वर्ष की अवधि समाप्त हो जाने के बाद यह स्वमेव समाप्त हो जाती है। जानलेवा गड्ढों की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। पार्षद ने इस मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
कंपनी के साथ प्रशासन भी होगा दोषी
3 दिन पहले रविवार की दोपहर शहर के हृदय स्थल में स्थित जैन मंदिर के पास सडक़ किनारे खोदे गए गड्ढे में गाय गिरकर फंस गई, जिसे लोगों ने कड़ी मशक्कत कर गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकाला और स्थानीय प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि गड्ढा खोदने के उपरांत उसे समय रहते नहीं पाटा जा रहा है। कई दिनों तक गड्ढों को खुला छोड़ दिए जाने की वजह से इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है और यदि ऐसा हुआ तो इसके लिए जिओ कंपनी के साथ स्थानीय प्रशासन भी बराबर का दोषी होगा।