कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 8 जुलाई। जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा मनेंद्रगढ़ में अनियमित तरीके से किए गए भूमि आबंटन को उद्योग संचालनालय द्वारा मिले निर्देश के बाद महाप्रबंधक एम. बड़ा ने निरस्त कर दिया है। जमीन के निरस्त होने के बाद जमीन लेने वालों में हडक़ंप मचा हुआ है।
ज्ञात हो कि बैलगाड़ी प्रोजेक्ट शहर से लगे ग्राम चैनपुर के जेल रोड में मुख्य मार्ग से लगी 4 हेक्टेयर जमीन तत्कालीन जीएम शेलेंद्र रंगा ने 17 लोगों को आवंटित कर दी थी। नियम प्रक्रिया को ताक पर रखकर अनियमित तरीके से किए गए भूमि के आवंटन का मामला विधानसभा में मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने उठाते हुए पूर्व प्रबंधक को निलंबित कर भूमि का आवंटन निरस्त किए जाने की मांग की थी।
विधानसभा में मामला उठने के बाद उद्योग मंत्री कवासी लखमा के द्वारा शैलेंद्र रंगा को निलंबित कर दिया गया, वहीं इसकी जांच के लिए उद्योग संचालनालय द्वारा जांच दल का भी गठन किया गया। जांच दल द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए निर्धारित प्रक्रिया मानकों का पालन नहीं करना पाया गया। प्रतिवेदन मिलने के बाद उद्योग विभाग ने आवेदकों को भूमि आवंटन प्राप्तकर्ता इकाईयों के आवंटन को निरस्त करने की कार्रवाई की। जमीनों के आवंटन का मामला चर्चा में भी बना रहा जिसको निरस्त कर एक बड़ी कार्रवाई शासन की ओर से की गई है।
इन 17 उद्यमियों को आवंटित की गई चैनपुर इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन
इंजीनियरिंग गुड्स निर्माण के लिए में. प्रकाश इंडस्ट्रीज की झनुजन, मनीष जैन, जरीना परवीन, सुनीता शुक्ला, मिन्नी जैन, अनुपमा निशी, प्रियंका पोद्दार के नाम 20 हजार वर्गफुट, शुभांगी गोयल, श्वेता पोद्दार, मंजू तिवारी, अफरीन बानो, ग्रीष्पा चावड़ा, श्वेता साहू, साक्षी चावड़ा एवं शैल साहू के नाम भूमि आवंटित की गई थी।
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मनेंद्रगढ़ के महाप्रबंधक एम. बड़ा का कहना है कि शासन और अपने डायरेक्ट्रेट के आदेशानुसार 26 जून 2021 को निरस्तीकरण आदेश जारी किया गया है। अब उक्त जमीन का क्या होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऊपर से जो आदेश होगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।