कोरिया

सौर ऊर्जा बिजली नहीं, मजदूरी भी बाकी
23-Jul-2021 6:49 PM
सौर ऊर्जा बिजली नहीं, मजदूरी भी बाकी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 23 जुलाई।
कोरिया जिले के सोनहत जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत रावतसरई जो कि जिले का सीमावर्ती गांव है। यहां बिजली की सुविधा नहीं है, लेकिन इसके विकल्प में सौर ऊर्जा की बिजली प्रत्येक मोहल्ले में पहुंची तो है, परन्तु सौर बिजली एक मोहल्ले को मिलती है तो दूसरे मोहल्ले में बिगड़ी रहती है। वहीं सौर ऊर्जा व स्टापडेम में काम किए मजदूरों को आज तक मजदूरी नहीं मिल पाई है।

कोरिया जिले का रावतसरई गांव से लगे सूरजपुर जिले की सीमा शुरू होती है। यहां के ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्राम रावतसरई के पंडोपारा से लगा हुआ अंवरापारा में सौर ऊर्जा की बिजली नहीेें जल रही है। 

पंडोपारा के कुछ लोगों ने बताया कि उनके घर के पास से ही अंवरापारा की ओर जाने वाली सौर ऊर्जा की लाईट का कनेक्शन काट दिया गया है, जिस कारण अंवरापारा में सौर ऊर्जा की लाईट नहीं जल रही है। सौर ऊर्जा की लाईट का कनेक्शन क्यों काटा गया, इसके बारे में पंडोपारा के ग्रामीणों को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है। जबकि ग्रामीण बताते हंै कि अंवरापारा में करीब 10-15 घर के परिवार निवास करते हंै। 

यहां मिल रही है बिजली
ग्रामीणों की माने तो यहां अभी कुछ दिनों पूर्व ही बिगड़े सौर ऊर्जा सिस्टम का सुधार किया गया, जिसके बाद से लगातार सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है। ग्राम पंचायत रावतसरई के आश्रित ग्राम सिंहपानी जो कि ग्राम रावतसरई से लगा हुआ गांव है, यहां पर भी बिगड़े सौर सिस्टम को सुधार कर दिया गया है जिससे कि यहां के ग्रामीणों को भी सौर ऊर्जा से बिजली मिल रही है। इसी तरह पंचायत के आश्रित गांव बेलार्ड जो कि चारों ओर से जंगलों से घिरा वन ग्राम है, यहां भी सौर ऊर्जा से गांव को रोशनी मिल रही है। जिससे कि इस बरसात के सीजन में क्षेत्र के लोगों को बिजली की समस्या नहीं है।

सौर ऊर्जा में किया काम, पैसे महीनों बाद नहीं मिली
ग्राम पंचायत रावतसरई के आश्रित वनांचल ग्राम बेलार्ड के एक युवक शिवप्रसाद ने बताया कि वह सौर ऊर्जा का बिजली विस्तार व प्लेट लगाने का कार्य किया था, जिसे आज कई माह बीतने के बाद भी उसकी मजदूरी नहीं मिल पायी है। शिवप्रसाद ने बताया कि उसने ग्राम बेलार्ड में सौर ऊर्जा की लाईट विस्तार में कार्य किया था। उसको यह कहकर काम में लिया गया था कि प्रतिदिन डेढ़ सौ के हिसाब से भुगतान किया किया जाएगा। उक्त युवक द्वारा क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्लेट लगाने व लाईन विस्तार कार्य में करीब दो माह कार्य किया, लेकिन सिर्फ उसे दो हजार रूपये का ही भुगतान किया गया है शेष राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। युवक ने बताया कि अभी गांव में कोई काम भी नहीं है तथा वर्षा नहीं होने के कारण खेती कार्य भी थमा हुआ है। यदि उसकी बकाया राशि मिल जाती तो उसके काम आता।

स्टाप डैम निर्माण में लगे मजदूरों नहीं मिली राशि
जनपद पंचायत सोनहत अंतर्गत ग्राम बेलार्ड के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा ग्राम बेलार्ड के कुदरीपारा में बनाये गये छोटे स्टाप डैम में कार्य किया गया था। जिसकी मजदूरी राशि कई माह बीतने के बाद भी उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है। ग्रामीणों के अनुसार गांव के कुदरीपारा में एक छोटे नाले में करीब 12-15 मजदूर कार्य किये थे, जिनका करीब एक सप्ताह का मजदूरी राशि अभी तक नहीं प्रदान की गयी। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी बकाया मजदूरी राशि जल्द  भुगतान किया जाये जिससे कि वह पैसा खेती कार्य व अन्य जरूरत में उपयोग कर सके।
 

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