राजपथ - जनपथ

छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जैसे को तैसा
08-Feb-2022 5:44 PM
छत्तीसगढ़ की धड़कन और हलचल पर दैनिक कॉलम : राजपथ-जनपथ : जैसे को तैसा

जैसे को तैसा

कुछ बरस पहले तक शादी-ब्याह का निमंत्रण काफी महत्वपूर्ण माना जाता था। न केवल निमंत्रण पत्र दिया जाता था, बल्कि शगुन की हल्दी और सुपाड़ी भी उसके भीतर रखा होता था। निमंत्रण पत्र के महीने दो महीने पहले मनुहार पत्र भी भेजने का चलन रहा है। ताकि विवाह के दिन को आप उनके लिये सुरक्षित रखें। पर आज व्हाट्सएप का दौर है। व्यक्तिगत रूप से खुद या किसी संदेशवाहक के माध्यम से निमंत्रण पहुंचाने की भी फुर्सत नहीं है। व्हाट्सएप पर आने वाले न्यौते पर भी बहुत लोग दौड़े पहुंच जाते हैं। जाना, नहीं जाना निमंत्रण देने वाले के कद पर भी निर्भर रहता है। बहुत लोगों को निमंत्रण का यह तरीका ठीक नहीं लगता, बुरा मानते है नहीं जाते। यह वाट्सएप पर मिले निमंत्रण का ही जवाब है। व्हाट्सअप पर ही डिजिटल जवाब भेज दिया और करंसी की तस्वीर भी।

रायपुर का हक तो बनता था

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट भाषण में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक बाइक की बैटरी की अदला-बदली के लिये स्वैपिंग स्टेशन बनाये जायेंगे। शुरू में यह देशभर के 30 शहरों में शुरू किया जा रहा है। इस समय अलग-अलग ई-बाइक और ई-स्कूटर की बैटरी साइज भी अलग-अलग होती है। पहले इसका एक स्टैंडर्ड साइज तय किया जायेगा। फिर एक निश्चित राशि देकर अपनी बैटरी जमा की जा सकती है और चार्ज बैटरी ली जा सकती है। जापान में यह काफी पहले से हो चुका है। दुनिया के कई देशों में अब यह सुविधा उपलब्ध है। भारत में यह पहली बार होगा। भारत में जिन 30 शहरों को इसके लिये चुना गया है उनमें दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, पुणे आदि शामिल हैं। मध्यप्रदेश में इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल को इसके लिये चुना गया है। पर इनमें छत्तीसगढ़ से किसी शहर को शामिल नहीं किया गया। कम से कम राजधानी रायपुर को तो इसमें लिया जा सकता था। रायपुर देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में आने लगा है। राजधानी तेजी से फैल भी रहा है। गाडिय़ों की संख्या भी बढ़ रही है। बैटरी स्वैपिंग स्टेशन प्रोजेक्ट में शामिल करने से लोगों का ई-बाइक के प्रति आकर्षण बढ़ता। इससे प्रदूषण कम करने में कुछ तो मदद मिलती।

रेलवे की जवाबी कार्रवाई..

जगदलपुर में कांग्रेस पार्षद कोमल सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर पिछले 15 दिनों से भाजपा के नेतृत्व में धरना दिया जा रहा है। पार्षद पर पैसे लेकर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं कराने का आरोप है। पूर्व मंत्री केदार कश्यप सहित अनेक पार्टी नेता इसमें फ्रंट पर है। आरोप तो स्थानीय निकाय के जन-प्रतिनिधि पर है, जिसमें राज्य सरकार को कार्रवाई करनी है, पर रेलवे ने करीब 40 लोगों को अपनी जमीन से हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। इनमें अधिकांश वे लोग हैं, जो पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। रेलवे का कहना है कि वह तो हर चार-छह महीने में नोटिस जारी करती है। अतिक्रमण कर तीन वार्डों में 400 से अधिक लोगों ने वर्षों से कब्जा कर रखा है। इन्हें बारी-बारी हटाया जायेगा। स्थिति दिलचस्प है। रेलवे, सेंट्रल की एजेंसी है- जहां सरकार भाजपा की है और बेजा कब्जा करने वालों पर तब कार्रवाई हो रही है जब भाजपा ने कांग्रेस पार्षद के खिलाफ मोर्चा खोला है।

लडऩे का मौका ही नहीं मिला... 

सरगुजा जिला पंचायत के रिक्त उपाध्यक्ष पद पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव निर्विरोध चुन लिये गये। 14 सदस्यों वाले जिला पंचायत में कांग्रेस के 11 सदस्य हैं। शेष 3 भाजपा के हैं। एक भाजपा सदस्य इलाज के लिये सरगुजा से बाहर हैं। प्रस्तावक, समर्थक और प्रत्याशी को मिलाकर तीन की जरूरत थी पर दो ही उपस्थित थे। इधर आदित्येश्वर शरण ने जब नामांकन दाखिल किया तो उनके साथ कांग्रेस के सभी सदस्य मौजूद थे। सरगुजा में समय-समय पर कांग्रेस के बीच शक्ति प्रदर्शन देखा गया है। पर जिला पंचायत चुनाव में जो एकजुटता दिखी। बिखराव होता तो भाजपा कुछ सोच भी सकती थी, पर ऐसा हुआ नहीं।

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