कोरिया
कोरिया साहित्य कला मंच का 7वां वार्षिक आयोजन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 19 फरवरी। साहित्यिक होने के लिए एक भाषा होने के साथ-साथ उदारता, सहिष्णुता, सद्भाव भी आवश्यक है। जब तक आपमें मानवीयता नहीं होगी, आपका साहित्य थोथा है, पाखंड है। उक्त बातें कोरिया साहित्य व कला मंच के 7वें वार्षिक आयोजन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्यकार व्यंग्यश्री गिरीश पंकज ने कही।
उन्होंने कहा कि साहित्यकार होने के लिए मानवीय मूल्यों का होना आवश्यक है। कोरिया साहित्य व कला मंच की संस्थापक सदस्य और कवयित्री अनामिका चक्रवर्ती ने कहा कि व्यंग्यश्री उपस्थिति से हम गौरवान्वित हैं। मंच के अध्यक्ष रितेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी संस्था नए रचनाकारों, गीतकारों, चित्रकारों को सदैव प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर है। इस वर्ष से हमने समाज के दर्पण यानी पत्रकारों को भी सम्मानित करने की शुरुआत की है।
आयोजन में नव रचनाकारों अलीशा शेख, एसके रूप, रुद्र मिश्रा, संदीप गौड़, प्रीति घोषाल, गौरव अग्रवाल, ऋचा श्रीवास्तव, सुषमा श्रीवास्तव व डॉ. रश्मि सोनकर ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम के आखिरी सोपान में संस्था ने प्रदेश के गौरव गिरीश पंकज का सम्मान किया तत्पश्चात माँ भारती अखंड काव्य पाठ के विश्व कीर्तिमान के सहभागी कवियों अलीशा शेख जो वेट लिफ्टिंग में 9 बार स्वर्ण पदक विजेता और मिस कोरिया हैं, एसके रूप जिन्होंने दो बार विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है, अनामिका चक्रवर्ती, डॉ. रश्मि सोनकर, रितेश कुमार श्रीवास्तव, मृत्युंजय सोनी, गौरव अग्रवाल, प्रीति घोषाल, अल्पना चक्रवर्ती, वीरांगना श्रीवास्तव एवं सुषमा श्रीवास्तव को वल्र्ड बुक आफ रिकॉर्ड, लंदन द्वारा दिए गए प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मृत्युंजय सोनी व गौरव मिश्रा द्वारा बनाई गई शार्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया जिसे दर्शकों ने सराहा।
कार्यक्रम का संचालन वीरांगना श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर व्यंग्यकार व कार्टूनिस्ट जगदीश पाठक, दादू भाई, रुद्र मिश्रा, पत्रकार सतीश गुप्ता, विनोद तिवारी, कवि योगेश गुप्ता, नरेंद्र अरोड़ा, शराफत अली, चरणजीत सिंह, संजीदा बेगम सहित नगर के गणमान्य नागरिक व संस्था के सदस्य उपस्थित रहे।