कोरिया

एनओसी में नहीं है सीएमओ के हस्ताक्षर, न तारीख, न डिस्पेच नंबर
23-Feb-2022 8:09 PM
एनओसी में नहीं है सीएमओ के हस्ताक्षर, न तारीख, न डिस्पेच नंबर

    आरटीआई में मिली जानकारी में पकड़ में आई लापरवाही       

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 23 फरवरी।
पुराने बस स्टैंड में चुपचाप दी गई दुकानों को लेकर एक बार फिर आरटीआई से मिली जानकारी में खुलासा सामने आया है। नगर पालिका चुनाव के दौरान हड़बड़ी में अपने चहेतों को दुकाने देने की प्रक्रिया में नगर पालिका की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। अब नियमानुसार दुकान लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में नगर पालिका द्वारा जारी एनओसी पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। नगर पालिका में नियमानुसार बोली लगाने में एनओसी की पहली प्राथमिकता होती है।

इस संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स (युवा) के पूर्व महामंत्री शारदा प्रसाद गुप्ता का कहना है कि नगर पालिका की एनओसी बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है, पूर्व में एनओसी का एक फर्जी मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसके बाद नगर पालिका ने एनओसी को और भी जटिल बना दिया था, अब उस बेहद जानकारी वाली एनओसी में बिना सीएमओ के हस्ताक्षर के एक साथ 6 एनओसी जारी कर दिए गए और उनमें बिना किसी जानकारी इंद्राज किए एनओसी जारी कर दी गई, मतलब साफ है कि किसी भी तरह से दुकानों को कम कीमत पर देने की नगर पालिका के अधिकारियों को हड़बड़ी थी।

नगर पालिका में उप राजस्व निरीक्षक मनोज साहू से कहा कि नगर पालिका के वार्ड प्रभारी के विभिन्न सभी शाखा की जानकारी में आपका हस्ताक्षर है तो उनका कहना है कि हस्ताक्षर तो मेरे ही है, पर जब हमने पूछा कि इसमें दिनांक नहीं है डिस्पेच नंबर नहीं है और ना ही सीएमओ के हस्ताक्षर है ये तो गलत है तो उन्होंने कहा कि गलती तो हुई है।

जानकारी के अनुसार नगर पालिका बैकुंठपुर द्वारा 47 लाख की दुकान को 15 और 73 लाख की दुकान को 16 लाख रूपए में लिफाफा पद्धति से चुपचाप दे डाली गई। मामले में पीडि़त राजेश गुप्ता ने प्रक्रिया की जानकारी आरटीआई से मांगी। आरटीआई से मिली जानकारी में 6 एनओसी जारी की गई, जिसमें ना तो दिनांक है और ना डिस्पैच नंबर अंकित है, एनओसी में दुकान किराया भुगतान, सम्पत्तिकर भुगतान, समेकित कर भुगतान, जलकर भुगतान, भवन शाखा का बकाया, यूजर चार्ज बकाया  की विस्तृत जानकारी अंकित करना होता है, यहां तक कि अंतिम भुगतान और नगर पालिका की रशीद क्रमांक भी अंकित करना बेहद जरूरी होता है। परन्तु हर जानकारी के आगे निरंक लिखकर एनओसी जारी कर दी गई है। वहीं विभिन्न शाखा प्रभारियों के हस्ताक्षर की बजाय एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर किए हुए है, सबसे बड़ी बात यह है कि जारी एनओसी में नगर पालिका अधिकारी के हस्ताक्षर तक नहीं है।

एनओसी लेना टेढ़ी खीर
बैकुंठपुर नगर पालिका में बीते समय एनओसी को लेकर बड़ा बवाल मचा। नागरिक एकता मंच ने फर्जी एनओसी को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद एनओसी लेने का नियम बदल दिया गया, अब एनओसी लेने के लिए नगर निवेश को इसमे शामिल किया गया और एनओसी का फार्म बनवाया गया, जिसमें हर तरह की जानकारी संबंधित शाखा से लेकर अंकित करना होता है और संबंधित शाखा प्रभारी का हस्ताक्षर जरूरी होता है, बीते दो वर्ष में एनओसी लेना आम आदमी के लिए बड़ी टेढ़ी खीर साबित होता आया है, परन्तु इस मामले में बिना किसी जानकारी के एनओसी जारी कर दी गई है और नगर निवेश से भी जानकारी नहीं जटाई गई।

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