कोरिया
छवि धूमिल करने रची गई साजिश, जांच की मांग- ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 24 फरवरी। कोरिया जिले के भरतपुर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम च्यूल निवासी व नेरूआ के पंचायत सचिव द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है। गोंगपा, आम आदमी पार्टी, परिजनों एवं जनपद पंचायत सदस्य व समाज के लोगों के द्वारा एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं जब मामला तूल पकडऩे लगा तो कांग्रेसी नेता ब्लॉक अध्यक्ष रविप्रताप सिंह सामने आये और लिखित में एसडीएम भरतपुर के माध्यम से पुलिस अधीक्षक कोरिया को मामले की जांच की मांग की गयी। उनका कहना है कि उनकी छवि धूमिल करने साजिश रची जा रही है, वहीं पुलिस अब हर एंगल से जांच में जुटी हुई है।
पंचायत सचिव खुदकुशी में मृतक के पास से मिले आत्महत्या नोट में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रविप्रताप सिंह का नाम आने के बाद वे सामने आए और एसडीएम को एसपी के नाम पत्र देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पत्र में उल्लेख किया है कि ग्राम च्यूल के पंचायत सचिव द्वारा आत्महत्या किया गया, जिसके आत्महत्या नोट में मेरा भी नाम मेरी छवि धूमिल करने लिखा गया है, जो सरासर गलत है, मेरी कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सुसाइड नोट की लिखावट छत्रपाल सिंह के पुराने लिखावट से मेल नहीं खा रहा है। जिससे आत्महत्या मामले में किसी अन्य लोगों की संलिप्तता का आशंका है। मामले में गहन जांच की जरूरत है ताकि मामले की सत्यता आमजनों तक पहुंचें एवं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
पीडि़़त परिवार को मुआवजा व नौकरी मिले-गोंगपा
इस मामले में गोंगपा के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर संजय कमरो ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में आत्महत्या नोट में जिनका भी नाम है, उनके खिलाफ पहले एफआईआर दर्ज हो, सत्ता से जुड़े नेता को बचाने में प्रशासन मदद न करें। साथ ही उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार को 50 लाख रूपये मुआवजा व पत्नी को नौकरी दी जाये। यदि कार्रवाही नहीं होती है तो गोगपा प्रदेश भर में आंदोलन करेगी।
कार्रवाई नहीं हुई तो घेरेंगे थाना व एसडीएम कार्यालय
ग्राम पंचायत सचिव के मौत के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई जा रही है। क्षेत्र के जनपद सदस्य चंद्रप्रताप सिंह बालंद का कहना है कि हम बालंद समाज के लोग पुलिस अधीक्षक से मांग करते हंै कि मामले की सीबीआई जांच हो और पहले दोषियों पर एफआईआर और कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। यदि चार-पांच दिनों के भीतर एफआईआर नहीं होती है तो पूरे बालंद समाज के लोग थाने एवं एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे और उग्र आंदोलन करेगे। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि संदिग्धों द्वारा अपने आप को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, जबकि मृतक सचिव बीपी का मरीज था और उसकी रायटिंग की जांच एक्सपर्ट के द्वारा की जाएगी, निष्पक्ष जांच से दूध का दूध व पानी का पानी साफ हो जाएगा।