कोरिया
मृतक के पुत्र और महिनों इंतजार के बाद दो को भी मिली अनुकंपा नियुक्ति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 25 फरवरी। कोरिया जिले में पंचायत सचिव की आत्महत्या के मामले में कार्रवाई करने गुरुवार को पूरे दिन ज्ञापन सौंपे जाने का दौर जारी रहा, वहीं सामान्य सभा में जिला पंचायत अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों की द्वारा अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रस्ताव पर प्रशासन ने मुहर लगाई, दबाव के कारण कई माह से लंबित अनुकंपा नियुक्ति के दो और प्रकरण पर सहमति मिल गई। दूसरी ओर जनपद भरतपुर के अध्यक्ष के पति को लेकर अफवाहों का दौर जारी था।
इस संबंध में भरतपुर जनपद पंचायत की अध्यक्ष राजकुमारी बैगा ने कहा कि मामले को भटकाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, मेरे पति पूरे दिन काम पर थे, बावजूद उनके नाम पर अफवाह फैलाई गई, मैं इसकी शिकायत कर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करूंगी।
गुरूवार को सामान्य सभा की बैठक थी, बैठक में जाने से पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर मामले में एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की, उसके बाद सभी सामान्य सभा में उपस्थित हुए, जहां जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ सदस्यों ने एकजुट होकर मृतक सचिव के परिवार में से किसी एक को अनुकंपा नियुक्ति देने प्रस्ताव पास किया।
मृतक सचिव छत्रपाल सिंह के पुत्र रवि प्रताप सिंह के साथ महिनों से लंबित अनुकंपा नियुक्ति के दो प्रकरण को भी पारित किया गया, जिसमें खंधौरा के सचिव स्व रामकृपाल सिंह की पत्नी कुसुम और जमुआ के पूर्व सचिव रामु फिशर के पुत्र प्रांषु फिशर को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। ॉ
वहीं गुरूवार को ही गोंगपा के प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर संजय कमरो, जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम, ब्लाक अध्यक्ष सुखलाल मराबी, माया प्रताप सिंह, रामबहोर महकाम के साथ मृतक के घर ग्राम च्यूल पहुंचें, परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली और उन्हेें प्रशासन से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इंसाफ नहीं मिलने पर गोंगपा बड़ा आंदोलन करेगी।
सचिव संघ मिला एसपी से, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
मृतक सचिव को न्याय दिलाने प्रदेश पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष धनेश्वर राय के नेतृत्व में काफी संख्या में जिले भर के सचिव जिला मुख्यालय में उपस्थित हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि सबसे ज्यादा दबाव में सचिव काम कर रहे हंै, जिसके बाद सभी ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की, उनसे मांग की कि हर हाल मेें मामले में कार्रवाई हो, नहीं तो प्रदेश भर से सचिव धरने पर बैठ जाएंगे। इसके बाद सभी सचिव कलेक्टर कार्यालय पहुंचं और कलेक्टर से मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग का ज्ञापन सौंपा।
जनपद अध्यक्ष के पति की खुदकुशी की अफवाह
गुरूवार को जनपद अध्यक्ष राजकुमारी बैगा के पति जो खुद सचिव है, उनके आत्महत्या करने की खबर सचिव संघ के अध्यक्ष के फोन पर आई, जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी एसपी की दी, जिसके बाद बैठक में शामिल होने आई जनपद अध्यक्ष राजकुमारी बैगा को दी, जिस पर जब उन्होंने अपने पति को फोन लगाया तो उन्होंने खुद को ड्यूटी में बताया।
जनपद अध्यक्ष ने कहा कि मामले में भटकाया जा रहा है, ताकि मामले को कहीं और भटका कर कार्रवाई से अधिकारियों और नेताओं को बचाया जा सके। वहीं मामले में जनपद सदस्य चंद्रप्रताप सिंह का कहना है कि ये भी अफवाह फैलाई जा रही है कि मृतक ने ट्रैक्टर लिया था और उसके यहां फाइनेंस कंपनी वाले आए थे जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
प्रथम दृष्टया एफआईआर, फिर जांच- जेपी शुक्ला
हाई कोर्ट के अधिवक्ता जेपी शुक्ला का कहना है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम में इसका प्रावधान है, ऐसा माना जाता है मरते वक्त इंसान हमेशा सत्य बोलता है। जो नोट लिखा रहता है वो उसके खुद की बात होती है जिसको झुठलाया नहीं जा सकता है। इसको प्रमुख साक्ष्य और प्रथत दृष्टया साक्ष्य माना जाता है। यदि नोट मिला है तो कानून के हिसाब से पुलिस को पहले एफआईआर दर्ज करना चाहिए। क्योंकि घटना हो चुकी है, सुसाइड नोट मिल चुका है। इसे संज्ञेय अपराध माना है। पुलिस की जिम्मेदारी बनती है पहले एफआईआर दर्ज करें बाद में जांच हो, इसके बाद साक्ष्य एकत्रित करना चाहिए, तब चार्जशीट पेश की जाए, यदि उसके बाद जांच में कहीं कोई साक्ष्य नहीं मिलता तो कानून में मामले के खात्में का भी प्रावधान है।