कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 25 फरवरी। चिरमिरी एवं मनेन्द्रगढ़ जैसे पिछड़े आदिवासी बाहुल्य अंचल को आर्थिक संबल देने वाली संपत्ति कोयला आज जब समाप्ति के कगार पर है, ऐसे समय में इस अंचल के निवासियों के विस्थापन को रोकने एवं स्थायित्व और पुनर्जीवन देने हेतु चिरमिरी-नागपुर हॉल्ट नई रेल लाइन की सुविधा उनकी भावी जीवन रेखा साबित हो रही है जो आगे चलकर चिरमिरी-बरवाडीह अर्थात मुंबई-कोलकाता की सबसे छोटी रेल लाइन से जुडक़र इसे आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी और रेल विकास के नए द्वार खोलेगी।
राष्ट्रीय एवं आंचलिक विकास हेतु पिछले 4 दशक से कार्यरत संस्था संबोधन साहित्य कला विकास संस्थान मनेंद्रगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री को इस वर्ष के बजट में चिरमिरी से नागपुर हॉल्ट तक स्वीकृत नई रेल लाइन के लिए एमओयू के तहत छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा आवश्यक 121 करोड़ धनराशि स्वीकृत करने की मांग दोहराई है।
संस्था उपाध्यक्ष हारून मेमन ने कहा कि 17 किलोमीटर नई बनने वाली रेल लाइन का प्रारंभिक प्रयास तात्कालीन कांग्रेसी सांसद डॉ. चरण दास महंत द्वारा इस संस्था के अनुरोध एवं अंचल की विकास की भावनाओं को देखते हुए वर्ष 2013 में किया गया था। लंबे पत्राचार एवं बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में वर्ष 2018 में स्वीकृत इस रेल लाइन के बजट हेतु वर्तमन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत का भी ध्यानाकर्षण संस्था ने पत्र के माध्यम से किया है। वहीं संबोधन विचार मंच के विभागाध्यक्ष वीरेंद्र श्रीवास्तव ने पत्र में कहा कि प्रस्तावित रेल लाइन से छत्तीसगढ़ के इस पिछड़े अंचल के व्यापार एवं विकास को नए आयाम मिलेंगे।
उन्होंने अपने पत्र में इस रेल लाइन के सर्वे के कार्य पूर्ण हो जाने एवं भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया की जानकारी भी दी है। संस्था ने विश्वास व्यक्त किया है कि इस बजट में नई रेल लाइन के महत्व को देखते हुए आवश्यक राशि अवश्य उपलब्ध करा दी जाएगी।