कोरिया
मप्र से आए थे पिकनिक मनाने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 20 मार्च। कोरिया जिले के भरतपुर स्थित रमदहा जलप्रपात में मप्र के 13 युवक होली के दूसरे दिन पिकनिक मनाने पहुंचें, सौ फीट ऊंचें रमदहा में युवकों ने छलांग लगाई, जिसमें से 3 युवक डूब गए। पुलिस की मदद से शनिवार को 2 शवों को ढंूढ कर निकाल लिया गया, रविवार सुबह को 1 शव मिला।
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष रमाशंकर मिश्रा का कहना है कि बहुत ही दुखत घटना घटित हुई है, होली के दूसरे दिन पूरे क्षेत्र में इस घटना के बाद शोक लहर व्याप्त है, मेरा प्रशासन से आग्रह है कि भरतपुर क्षेत्र में कई ऐसे जलप्रपात हैं, जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं, परन्तु यहां सुरक्षा के उपाय नगण्य है, रमदहा में कई लोगों की जान जा चुकी है, वादा भी किया गया था कि सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे, परन्तु हर हादसे के बाद इस पर बहस होती है परन्तु सुरक्षा के उपाय पर कोई बात आगे नहीं बढ़ती है, मेरी मांग है कि प्रशासन सैलानियों की सुरक्षा के उपाय पर विशेष पहल करें।
शनिवार को मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के मानपुर के 13 युवक पिकनिक मनाने भरतपुर के रमदहा जलप्रपात पहुंचें। दोपहर के समय कुछ युवकों ने रमदहा में छलांग लगाई, कुछ तो तैर कर बाहर आ गए, परन्तु 3 युवक काफी देर तक बाहर नहीं आ पाए, कुछ समय बाद इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई।
पिकनिक में शामिल युवकों ने पहाड़ी पर चढक़र किसी तरह इस मामले की जानकारी अपने परिजनों को भी दी, जिसके बाद पुलिस के साथ रेस्क्यू टीम दोपहर 1.20 बजे मौके पर पहुंची और युवकों की तालाशी शुरू की, जिसमें दो युवकों विमल गुप्ता (24) और रामकिशोर पटेल (20) के शवों को बाहर लाने में कामयाबी मिली, जबकि दीपक गुप्ता (27) के शव को आज सुबह निकाला गया।
कई मौतें हो चुकी हंै यहां
बेहद मनोरम और जंगलों के बीच स्थित रमदहा फॉल सैलानियों को आकर्षित करता है। रमदहा जलप्रपात की ऊंचाई काफी ज्यादा है, जहां पर जलप्रपात का पानी गिरता है वहां काफी गहरी खाई है, फॉल में सुरक्षा के किसी भी तरह के उपाय नहीं है, यहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है, यदि कोई हादसा हो जाए तो सूचना देने में काफी समय लग जाता है, तब तक डूबे व्यक्ति को नहीं बचाया जा सकता है। बीते 3 वर्ष में कई जाने जा चुकी है, जनकपुर के मामा-भांजे की मौत के बाद जनप्रतिनिधियों ने सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे किए, फॉल के चारों ओर रेलिंग करने की भी बात कही गई थी, परन्तु धरातल पर कुछ नहीं हुआ।