कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेंद्रगढ़, 16 अगस्त। मनेंद्रगढ़ में जन्मे, पले-पढ़े फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी. रविंद्र राव (35147) पायलट जो एक फाइटर स्क्वाड्रन में तैनात हैं को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी. रविंद्र राव के पिता का नाम डी. गोपाल राव एवं माता डी. ज्योति राव हैं। उनकी शिक्षा प्री प्राथमिक खालसा स्कूल मनेंद्रगढ़ एवं मिडिल तथा मैट्रिक शिक्षा सेंट्रल स्कूल झगड़ा खान एवं मनेंद्रगढ़ में हुई हायर सेकेंडरी उन्होंने हैदराबाद से किया, जहां उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के लिए हो गया और वे 2012 में खडक़वासला पुणे में प्रवेश लिए 2015 में उन्हें राष्ट्रपति कमीशन से फ्लाइंग ऑफिसर नियुक्त किया गया। वर्तमान में रविंद्र राव स्क्वाड्रन लीडर फाइटर पायलट के रूप में अंबाला में पदस्थ हैं जो सेना के जगुआर फाइटर
प्लेन के माध्यम से देश की रक्षा में संलग्न हैं।
वायु सेना पदक दिए जाने की प्रेस विज्ञप्ति में रक्षा मंत्रालय ने उल्लेख किया है कि 6 नवंबर 2021 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट रविंद्र राव एक डिटैचमेंट के हिस्से के रूप में एक जगुआर विमान को दूसरे बेस पर ले जा रहे थे, बेस पर उतरते ही उन्हें एक धमाके की आवाज सुनाई दी, जो बेस पर उतर रहे दूसरे जगुआर विमान जो दुर्घटनाग्रस्त हो रहा था और फिसल कर रनवे से बाहर हो गया था।
लेफ्टिनेंट डी. रविंद्र राव ने देखा कि विमान उल्टा हो गया है, काट पीट की छत का एक हिस्सा टूट गया है, दोनों इंजन चल रहे हैं, पायलट घायल है और इंजेक्शन सीट से बंधा हुआ है।
लेफ्टिनेंट डी. रविंद्र राव ने अपने ऊपर गर्म पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड फोम की परवाह न करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर रेंग कर घायल पायलट तक पहुंचे और पायलट को बाहर निकाल कर स्ट्रेचर पर बांधने में बचाव दल की मदद की।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी रविंद्र राव ने अपने जीवन के लिए प्रत्यक्ष खतरे का सामना करने के लिए असाधारण साहस एवं वीरता दिखाई, वह अपनी सामान्य ड्यूटी की जिम्मेदारियों से बहुत आगे निकल गए ।
आधे बेहोश हो चुके पायलट के बचाव में व्यक्तिगत रूप से खुद को शामिल किया और बचाव अभियान को प्रभावी ढंग से पूरा करने में बचाव दल की सहायता एवं मार्गदर्शन किया। असाधारण साहस के इस कार्य के लिए फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी. रविंद्र राव को वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया जो मनेंद्रगढ़ नगर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ के लिए गौरवपूर्ण एवं प्रेरणादाई है।